UPCM ने ओलावृष्टि से प्रभावित जनपदों हेतु 50 करोड़ रु. की धनराशि आवंटित की

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने अपने सरकारी आवास पर कृषि मंत्री और प्रमुख सचिव UPCM, राजस्व, कृषि, गृह तथा पुलिस महानिदेशक के साथ प्रदेश के विभिन्न भागों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आकलन के सम्बन्ध में आकस्मिक बैठक की।

बैठक में प्रदेश में हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों एवं जानमाल की क्षति की जनपदवार गहन समीक्षा की गई। जिन 15 प्रभावित जनपदों की समीक्षा की गई, उनमें अलीगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, झांसी, जालौन, ललितपुर, कन्नौज, लखनऊ एवं हरदोई शामिल हैं।

UPCM ने बैठक के दौरान ओलावृष्टि से प्रभावित प्रदेश के अन्य जनपदों में किसानों को हुए नुकसान का आकलन 48 घण्टे के अन्दर करके, इसकी रिपोर्ट शासन को तुरन्त उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उन्होंने ओलावृष्टि से प्रभावित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को सचेत किया है कि वे 48 घण्टे के अन्दर अपने-अपने जनपदों में किसानों को हुए नुकसान के सम्बन्ध में पूरी सूचना शासन को भेजें और अपने स्तर पर पीड़ितों के लिए राहत की कार्यवाही अविलम्ब सुनिश्चित करें। उन्होंने इस कार्य हेतु 50 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित कर प्रभावित जनपदों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

UPCM द्वारा सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए किसानों की समस्याओं के सम्बन्ध में पूरी संवेदनशीलता बरतें और उनसे संवाद भी बनाएं, ताकि कोई अव्यवस्था न हो। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीनस्थ राजस्व कर्मियों को निर्देशित करें कि अहेतुक सहायता वितरण का कार्य त्वरित गति से प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए और इसमें कोई भी कोताही न बरती जाए अन्यथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञातव्य हो कि सहायता के रूप में जनहानि होने पर पीड़ित को 4 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है, जबकि कच्चा या पक्का पूरा मकान क्षतिग्रस्त होने पर 95,100 रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। इसी प्रकार दुधारु पशुओं की हानि पर 30,000 रुपए, गैर दुधारु पशुओं पर 25,000 रुपए, बछड़े पर 16,000 रुपए और छोटे जानवरों पर 3,000 रुपए का अनुदान दिया जाता है।

इसके अलावा, न्यूनतम 33 प्रतिशत फसल के नुकसान के ऊपर प्रति हेक्टेयर असिंचित क्षेत्रफल पर 6,800 रुपए, सिंचित क्षेत्रफल पर 13,500 रुपए, जबकि बहुफसली पर 18,000 का अनुदान दिया जाता है। सिंचित भूमि पर न्यूनतम 2,000 रुपए और असिंचित पर न्यूनतम 1,000 रुपए का अनुदान दिया जाता है।

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