UPCM ने आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ का प्रस्तुतिकरण देखा

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने आज शास्त्री भवन में आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ का प्रस्तुतिकरण देखा और निर्देश दिए कि इसके तहत विभिन्न विभागों द्वारा ग्राम स्तर पर कराए जाने वाले विकास के विभिन्न कार्यों के सम्बन्ध में एकीकृत शासनादेश जारी किया जाए। इस सम्बन्ध में आवश्यक मंथन के उपरान्त ही इसे तैयार किया जाए। मनरेगा के तहत विभिन्न विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जाए, इस पर गहन विचार किया जाए ताकि इसके अच्छे परिणाम मिल सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों का सहयोग एवं सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक कार्यशाला का आयोजन भी किया जाए।

UPCM ने कहा कि पंचायतों के पास विभिन्न विकास कार्यों के लिए जो धनराशि पहुंच रही है, उसका सदुपयोग करते हुए ग्राम स्तर के सार्वजनिक भवनों जैसे – आंगनबाड़ी केन्द्र, ANM-सेण्टर, पंचायत भवनों के पुनरोद्धार/सुदृढ़ीकरण, इनका लाइबे्ररी/सेवा केन्द्र के रूप में विकास इत्यादि में किया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ का मूल उद्देश्य ग्राम स्तर पर स्थित शासकीय भवनों का जीर्णोद्धार कराकर उन्हें जनोपयोगी बनाना है।

प्रस्तुतिकरण के दौरान UPCM को आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ के तहत सम्पादित किए जाने वाले कार्यों के विषय में विशेष सचिव UPCM नितीश कुमार ने अवगत कराया कि उन्होंने श्रावस्ती जिलाधिकारी के रूप में इसके तहत पंचायत भवनों की मरम्मत/जीर्णोद्धार, प्राथमिक/उच्च विद्यालयों में टाइल्स का कार्य, आंगनबाड़ी केन्द्रों में टाइल्स का कार्य, निष्प्रयोज्य भवनों के जीर्णोद्धार इत्यादि कार्य कराए सफलतापूर्वक करवाए थे। साथ ही यह भी बताया कि पंचायत भवनों की मरम्मत/जीर्णोद्धार करवाने के उपरान्त उनमें लाइबे्ररी की स्थापना की जाती है, जिसमें ग्रामवासियों की रुचि के अनुरूप स्तरीय पुस्तकें, समाचार पत्र, बाल साहित्य तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक पत्रिकाओं इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। पुस्तकालय में फर्नीचर की भी व्यवस्था की जाती है।

इसके अलावा इन पुस्तकालयों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी, पशु पालन, जल संरक्षण, पर्यावरण आदि कार्यक्रमों से सम्बन्धित साहित्य तथा सूचना विभाग से मिलने वाले साहित्य को भी रखा जाता है। इसके अलावा परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के फर्श की मरम्मत एवं उच्च गुणवत्ता के टाइल्स लगवाने का कार्य भी इसके तहत सुनिश्चित किया जाता है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के ज्ञान का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से ’लेविल वाइज़ लर्निंग’ की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। इसके अलावा आंगनबाड़ी/ए0एन0एम0 केन्द्रों में भी टाइल्स लगवाने का कार्य इसके तहत किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत निष्प्रयोज्य भवनों का जीर्णोद्धार कराते हुए उनका सदुपयोग भी किया जाता है। विशेष सचिव ने बताया कि उनके द्वारा जनपद श्रावस्ती में विकास के इस माॅडल को लागू किया गया था, जो अत्यन्त सफल रहा था।

इस अवसर पर UPCM को विशेष सचिव द्वारा मनरेगा योजना का सदुपयोग करते हुए एक सप्ताह के अंदर जनपद लखीमपुरखीरी में 200 कि.मी. खड़ंजा निर्माण महाअभियान के विषय में भी अवगत कराया गया। उन्हें जनपद लखीमपुरखीरी में मनरेगा (कनवर्जेन्स) योजनान्तर्गत प्राकृतिक नाले के जीर्णोद्धार/उपचार परियोजना (गरबर नाला) के विषय में भी जानकारी दी गई। UPCM ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे व्यापक स्तर पर प्रयोग करते हुए अन्य जनपदों में भी इस तरह के कार्य करने के निर्देश दिए। प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी को लखीमपुरखीरी जनपद की थारू जनजाति की महिलाओं के विकास हेतु एन.आर.एल.एम. की पहल ‘हुनर’ के विषय में भी अवगत कराया गया। इस पहल के माध्यम से अब तक 125 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिससे उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के बाद UPCM ने जनपद श्रावस्ती में सफलतापूर्वक चलाए गए आॅपरेशन ‘कायाकल्प’ तथा जनपद लखीमपुरखीरी में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों को माॅडल मानते हुए इसे पूरे प्रदेश के सभी जनपदों में लागू करने के सम्बन्ध में शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए।

प्रस्तुतिकरण के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. महेन्द्र सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जैसवाल, पंचायती राज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भूपेन्द्र सिंह चैधरी, प्रमुख सचिव UPCM एस.पी. गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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