योगी सरकार में पुलिस और न्याय प्रणाली हुई बेहतर, डरने के बजाय भरोसा कर रहे लोग: प्रो. डॉ. उपमा गौतम

एनसीआरबी की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के अंदर घंटे क्राइम रेट पर की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा

प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ ने उत्तर प्रदेश में अपराध की रिपोर्टिंग में वृद्धि को बताया नागरिकों के बढ़े हुए विश्वास का प्रतीक

20 वर्षों से विधि क्षेत्र में सक्रिय प्रो. डॉ. उपमा बोलीं — बीएनएस और बीएनएसएस से सरल हुई रिपोर्टिंग प्रक्रिया

अपराध नियंत्रण में यूपी के प्रदर्शन को बताया देश के लिए मिसाल, अब लोगों को टालने या शू किये जाने की जगह हर शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा

योगी सरकार ने अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था में उठाए ठोस कदम, सीएम योगी के प्रयासों ने उत्तर प्रदेश को सुरक्षित राज्य के रूप में किया स्थापित

नई दिल्ली/लखनऊ। प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ डॉ. उपमा गौतम ने उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के मोर्चे पर ऐतिहासिक सुधार को लेकर जारी NCRB की ताज़ा रिपोर्ट पर योगी सरकार की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि एक क्रिमिनल लॉ की छात्रा और पिछले 20 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत होने के नाते कह सकती हूं कि एनसीआरबी डेटा समाज की कानून व्यवस्था का आईना होता है। इन आंकड़ों से साफ झलकता है कि उत्तर प्रदेश में अपराध की रिपोर्टिंग में वृद्धि हुई है, जो दरअसल नागरिकों के बढ़े हुए विश्वास को दर्शाता है। अब लोग पुलिस और न्याय प्रणाली से डरने के बजाय उस पर भरोसा कर रहे हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश ने अपराध नियंत्रण के मोर्चे पर ऐतिहासिक सुधार दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कई प्रमुख श्रेणियों में अपराध दर में गिरावट आई है। कानून व्यवस्था को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के इस प्रदर्शन पर कानूनी विशेषज्ञों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

जांच प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हुई प्रो. डॉ. उपमा गौतम जीजीएसआईपीयू (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय) में क्रिमिनल लॉ की जानी-मानी प्रोफेसर हैं। उन्हें 20 साल से ज़्यादा का शिक्षण अनुभव है। वे नए आपराधिक कानूनों पर अपने उपयोगी सेमिनार के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने जांच अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों को हमेशा मार्गदर्शन और प्रेरणा दी है। उन्होंने बताया कि नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) के लागू होने से रिपोर्टिंग और जांच प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी सरल और पारदर्शी हुई है। अब लोगों को टालने या ‘शू किया जाने’ जैसी स्थिति नहीं है। राज्य एजेंसियां हर शिकायत को गंभीरता से ले रही हैं, जिससे नागरिकों में न्याय के प्रति भरोसा बढ़ा है।

यह सुधार जमीनी स्तर पर हुई वास्तविक प्रगति का संकेत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप राष्ट्रीय औसत के हिसाब से प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर की तुलना करें, तो यूपी ने उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर हुई वास्तविक प्रगति का संकेत है। पिछले एनसीआरबी रिपोर्ट की तुलना में यूपी का प्रदर्शन इस बार बेहद बेहतर है।

अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था में उठाए गए ठोस कदम का नतीजा

कानूनी शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने दो दशकों के अनुभव के आधार पर डॉ. उपमा गौतम का मानना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था में जो ठोस कदम उठाए हैं, उनका असर अब नतीजों में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग, तकनीकी निगरानी, महिला सुरक्षा के लिए संचालित मिशन शक्ति और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जैसे प्रयासों ने मिलकर उत्तर प्रदेश को एक सुरक्षित राज्य के रूप में स्थापित किया है।

यूपी की छवि को मिली नई दिशा

डॉ. गौतम ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल प्रदेश सरकार बल्कि पूरे राज्य की जनता के सहयोग और जागरूकता का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी, पुलिस प्रशासन की सक्रियता और न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता ने मिलकर उत्तर प्रदेश की छवि को एक नई दिशा दी है।

Related Articles

Back to top button
btnimage