मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं डीएम के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक की
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक आहूत की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से पात्र किसानों को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत स्तरीय संतृप्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये जिलाधिकारी प्रतिदिन स्वयं सघन समीक्षा करें। अभियान का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाये, ताकि अधिक से अधिक इस अभियान का फायदा उठा सकें। कैम्प के लिये जिन कर्मियों की रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाई गई है, वह अनिवार्य रूप से कैम्प में उपस्थित रहें। शिविर में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये। इस कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि मोबाइल एप से ई-केवाईसी के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाये। बैठक में बताया गया कि कुल निर्धारित 67,070 शिविरों के सापेक्ष 32,670 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है।
स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया से मानचित्र प्राप्त होने के उपरान्त पड़ताल की कार्यवाही अगस्त, 2023 तक पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, अतः सर्वे ऑफ इंडिया से मैंप प्राप्त होने पर पड़ताल की कार्यवाही तेजी से पूर्ण करायी जाये। इसके अलावा सर्वे ऑफ इंडिया से अवशेष नक्शों को प्राप्त करने के लिये वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरन्तर संवाद बनाये रखा जाये।
बैठक में बताया गया कि 90,894 गांवों का ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। सर्वे ऑफ इंडिया से प्राप्त 72,916 ग्राम के मानचित्र-1 के सापेक्ष 60,090 गांवों में स्थानीय पड़ताल के पश्चात मानचित्रों को सर्वे ऑफ इंडिया को वापस किया जा चुका है। 39,460 गांवों की 56,95,109 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। स्वामित्व योजना के समग्र कार्य के अन्तर्गत जनपदों की रैंकिंग में ललितपुर, जालौन, झांसी, मुरादाबाद ने 99 प्रतिशत अंक से अधिक अंक प्राप्त किये हैं।
उन्होंने बताया कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के चयन की कार्यवाही पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिये पोर्टल तैयार कराया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री के कुल रिक्त पदों के सापेक्ष 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती अपेक्षित अर्हता पूर्ण करने वाली आंगनवाड़ी सहायिकाओं का मेरिट के आधार पर चयन कर भरी जायेंगी। अवशेष 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के माध्यम से भरी जायेंगी। डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन सहित पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है। आंगनवाड़ी सहायिकाओं से पदों को भरने के लिये 45-60 दिनों में चयन की कार्यवाही पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अतः सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय चयन समिति का गठन समय से करा लिया जाये। आरक्षण के साथ रिक्तियों का विवरण पोर्टल पर अपडेट करा दिया जाये। आवेदन भरने में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिये कॉमन सर्विस सेण्टर के कर्मियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग करा दी जाये।
प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएम-एफएमई) योजना की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिये केन्द्र सरकार द्वारा उन सभी लोगों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान की जा रहा है, जो लोग खाद्य उद्योग में अपना काम शुरू करना चाहते या अपनी यूनिट को अपग्रेड करना चाहते हैं। इस योजना में अब तक सर्वाधिक ऋण मिर्जापुर, वाराणसी, सुल्तानपुर, अयोध्या, चन्दौली, बलिया, अमेठी, गोरखपुर, फतेहपुर, भदोही द्वारा स्वीकृत किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम-एफएमई योजना का जनपद में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये और स्वयं सहायता समूह और फूड प्रोसेसिंग में कार्य करने वाले लोगों को चिन्हित कर इस योजना का लाभ लेने के लिये प्रेरित किया जाये। डिस्ट्रिक्ट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में भी इस योजना की समीक्षा कर इस योजना के तहत अधिक से अधिक ऋण स्वीकृत कराया जाये। इसके अलावा बैंक द्वारा अस्वीकृत होने वाले आवेदनों की भी अलग से समीक्षा की जाये। इससे जनपद में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में 43,252 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस मॉडल ग्राम बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसलिये खुले में शौच मुक्त ग्राम (ओ0डी0एफ0) की स्थिरता को बनाये रखा जाये। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण से राज्य, जनपद व ग्राम की रैंकिंग का निर्धारण होता है, अतः सभी जनपदों द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया जाये। जिन जनपदों द्वार चयनित ग्रामों की कार्ययोजना अभी तक पंचायती राज विभाग को उपलब्ध नहीं करायी गई है, 7 जून तक अवश्य उपलब्ध करा दी जाये, जिससे बारिश से पूर्व कार्य आरम्भ कराया जा सके। उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना के अन्तर्गत 17 जनपदों के 22 प्लांट, जिनमें कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है, उसे शीघ्र प्रारम्भ करा दिया जाये। बैठक में बताया गया कि गोबरधन योजना के अन्तर्गत 20 जनपदों में 32 प्लांट का निर्माण पूर्ण हो चुका है, 38 जनपद में 60 प्लांट निर्माणाधीन हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के रेलवे, रोड, फ्रेट कारिडोर, एयरपोर्ट आदि परियोजना प्रदेश के विकास से जुड़े हैं। इन परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये भूमि अधिग्रहण सहित अन्य लम्बित प्रकरणों का तत्परता से निस्तारण किया जाये। जनपद अथवा मण्डल स्तर पर निस्तारण संभव न होने पर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जाये। कहीं भी किसी भी स्तर पर विलंब नहीं होना चाहिये। मा0 न्यायालय में लम्बित प्रकरणों में प्रभावी पैरवी करते हुये उनका निराकरण कराया जाये।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी बलरामपुर व जिलाधिकारी कासगंज द्वारा दिये गये प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा करते हुये कहा कि कनवर्जेन्स के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधा उपलब्ध कराने का बहुत ही अच्छा प्रयास है। इससे गांव में क्वालिटी ऑफ लाइफ इम्प्रूव होगी, इस तरह के प्रयास अन्य जनपदों को भी करना चाहिये। योजना बनाते समय उसकी सस्टेनेबिलिटी पर विशेष ध्यान दिया जाये। इसके अलावा गांव में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये भी प्रयास करें, जिससे लोगों को रोजगार के लिये गांव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इससे पूर्व जिलाधिकारी बलरामपुर द्वारा ‘माँ पाटेश्वरी विला सिटी’ पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि शहरी सुविधाओं से युक्त इस सिटी का निर्माण कनवर्जेन्स के माध्यम से बाढ़ प्रभावित कल्याणपुर ग्राम के परिवारों के लिये किया गया है। इस सिटी की चहारदीवारी कराने के साथ-साथ कॉलोनी में जल एवं विद्युत संयोजन, शौचालय, नरेगा पार्क, ड्रेनज सिस्टम, कैटेल शेड आदि का निर्माण कराया गया है।
इसी क्रम में जिलाधिकारी अम्बेडकर नगर ने ‘नीली क्रान्ति (मत्स्य पालन) से आर्थिक समृद्धि का अभिनव प्रयास’ विषय प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये तालाबों को पट्टे पर आवंटित करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही तालाबों को पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया गया है। इससे जनपद में रोजगार के साथ-साथ राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
जिलाधिकारी कासगंज द्वारा ‘जनपद कासगंज के आधुनिक गांव’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया जनपद में पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर 14 गांवों का चयन कर उनमें अत्याधुनिक सड़कें, मार्ग प्रकाश हेतु सोलर लाइट, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, नाइट विजन के साथ सी0सी0टी0वी0 कैमरे, फ्री वाई-फाई, मिनी स्टेडियम, ओपन जिम, स्मार्ट क्लासेज आदि की सुविधायें विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिनमें से 3 ग्रामों-नगला सेडू, भुजपुरा, धुवियाई में विकास कार्य पूर्ण भी हो चुका है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, आयुक्त ग्राम्य विकास गौरी शंकर प्रियदर्शी, विशेष सचिव उद्यान योगेश कुमार, निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार सरनीत कौर ब्रोका, निदेशक पंचायती राज प्रमोद कुमार उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।