मुख्यमंत्री ने मथुरा में आयोजित पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला व विराट युवा सम्मेलन को सम्बोधित किया

पं0 दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का पैमाना सबसे ऊंचे पायदान पर बैठा व्यक्ति नहीं, बल्कि सबसे निचले पायदान पर बैठा व्यक्ति होता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय ऐसे महापुरूष हैं, जिन्होंने स्वतन्त्र भारत को भारत और भारतीयता के उन पक्षों से अवगत कराया, जिस पर विकसित भारत की आधारशिला टिकी है। वे अन्त्योदय के प्रणेता तथा एकात्म मानव दर्शन के प्रखर वक्ता थे। उन्होंने 1950 व 1960 के दशक में भारत के राजनीतिक नेतृत्व को जो जीवन दृष्टि दी, उसी के परिणामस्वरूप हम सबने बदलते भारत को देखा है।

मुख्यमंत्री ने  दीनदयाल उपाध्याय धाम, नगला चन्द्रभान, फरह, जनपद मथुरा में आयोजित पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला व विराट युवा सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर मार्ल्यापण किया। उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय धाम स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र का  अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की पावन स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि तहसील महावन के ग्राम नगला-अकोस मार्ग पर नये पुल का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति के पर्यटन केन्द्र में अतिथि भवन का निर्माण तथा पंडित जी की कुटिया को सोलर लाइट लगाकर ग्रीन एनर्जी से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी ने 1950 के दशक में स्वतन्त्र भारत के राजनीतिक नेतृत्व को प्रखरता प्रदान की थी। उनका सूत्रवाक्य ‘हर हाथ को काम, हर खेत को पानी‘ था। उनका मानना था कि अर्थनीति का आधार स्वदेशी होना चाहिए। किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का पैमाना सबसे ऊंचे पायदान पर बैठे व्यक्ति से नहीं, बल्कि समाज के सबसे निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति से की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में ‘वोकल फॉर लोकल‘ व स्वदेशी के मंत्र के माध्यम से पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का सपना साकार हो रहा है। भारत का यह मॉडल प्रत्येक क्षेत्र में पूरी दुनिया के लिए नई प्रेरणा है। विगत 11 वर्षों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आज भारत की गिनती दुनिया की टॉप-04 अर्थव्यवस्था में की जाती है तथा अगले वर्ष तक यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से गांव-गांव की कनेक्टिविटी को सृदृढ़ किया। समाज के अन्तिम पायदान पर बैठा व्यक्ति भूखा न रहे, इसके लिए उन्होंने अन्त्योदय, अन्नपूर्णा, बी0पी0एल0, ए0पी0एल0 जैसी अन्न योजनाओं को लागू किया। इसके माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों में 01 रुपये प्रति किलोग्राम चावल उपलब्ध कराने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया की एक बड़ी ताकत बनाने के असम्भव कार्य को प्रधानमंत्री जी ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के मन्त्र को आत्मसात करके सम्भव बनाया है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के मन्त्र में असम्भव को सम्भव बनाने का मन्त्र छिपा हुआ है। विगत साढ़े पांच वर्षों से लगातार 80 करोड़ भारतीयों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। आज नये भारत का दर्शन विरासत व विकास सहित प्रत्येक क्षेत्र में किया जा रहा है। जीवन के प्रत्येक पक्ष को ध्यान में रखकर युवाओं, किसानों, श्रमिकों, महिलाओं व व्यापारियों के कल्याण के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसानों के लिए मृदा परीक्षण कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी विकासपरक योजनाएं संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से भारत के 11 करोड़ किसानों को प्रति वर्ष 06 हजार रुपये दिये जा रहे है। किसान को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा गया है। युवाओं को मिशन रोजगार के साथ-साथ स्टार्ट-अप व स्टैण्डअप जैसी योजनाओं के माध्यम से उनके जीवन में नया परिवर्तन लाने का काम किया गया। आज भारत का युवा जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रिएटर बनकर दुनिया के युवाओं को नौकरी देने की क्षमता रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 11 वर्षों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, फिट इण्डिया मूवमेण्ट, खेलो इण्डिया खेलो, नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से नारी गरिमा की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किये गये हैं। इसका एक मॉडल पं0 दीनदयाल धाम में देखने को मिला है, जहां सैकड़ों बहनें रेडीमेड गारमेण्ट्स के माध्यम से अपने जीवन को स्वावलम्बन के मार्ग पर प्रशस्त कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। गो आधारित खेती स्वदेशी का बेहतरीन मॉडल है। स्वदेशी है, तो हम सशक्त हैं, स्वदेशी है तो स्वालम्बन है, स्वावलम्बन है तो हमारी स्वाधीनता बनी हुई है, स्वाधीनता बनी है तो हमें सशक्त होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग कहते थे कि कश्मीर में धारा-370 को हटाना एक असम्भव कार्य था। डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान के पश्चात पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है‘ का मन्त्र दिया। प्रधानमंत्री जी ने इस मन्त्र को आत्मसात कर कश्मीर से धारा-370 हटाकर उसे भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया। उन्होंने कश्मीर को पुनः धरती का स्वर्ग बनाने का कार्य किया। लोग कहते थे कि क्या अयोध्या में प्रभु श्रीराम मन्दिर बन पाएगा। हम तब भी कहते थे कि रामलला हम आएंगे, मन्दिर वहीं बनाएंगे। डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में यह कार्य सम्भव हुआ। अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हुए। प्रधानमंत्री जी ने असम्भव कार्य को सम्भव बनाकर भारत को भारतीय दृष्टि के साथ जोड़ने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की अर्थनीति का आधार स्वदेशी मॉडल होना चाहिए। आज से 300 वर्ष पूर्व भारत दुनिया की नम्बर एक अर्थव्यवस्था हुआ करता था। विश्व की जी0डी0पी0 में भारत का योगदान 25 प्रतिशत से अधिक था। भारत की आधी आबादी कृषि तथा आधी आबादी स्वदेशी उद्योगों पर निर्भर होकर स्वावलम्बन व सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का मॉडल प्रस्तुत करती थी। लेकिन, सन् 1800 आते-आते कृषि तथा परम्परागत उद्यमों का पतन हुआ। खेती पर निर्भरता तथा उत्पादन की लागत बढ़ती गयी। परिणामस्वरूप, भारत को बंगाल में अकाल जैसी विषम दुर्दशा भी झेलनी पड़ी, जिससे करोड़ों लोगों की असमय मृत्यु हो गयी। विदेशी हुकूमतों ने देश के विकास की जड़ों को कमजोर कर दिया था। आजादी के समय वर्ष 1947 में दुनिया की जी0डी0पी0 में भारत की हिस्सेदारी केवल 04 प्रतिशत रह गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने स्वयं को स्थापित किया। उत्तर प्रदेश ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद‘ योजना के माध्यम से परम्परागत उद्यमों को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी का बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किया, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ। प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल‘ अभियान को और आगे बढ़ाते हुए स्थानीय उत्पादों का प्रखरता के साथ व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के समय उत्तर प्रदेश की गिनती सबसे सम्पन्न राज्यों में की जाती थी। उस समय देश की अर्थव्यवस्था में प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत था। धीरे-धीरे इसमें कमी आई। वर्ष 2017 में प्रदेश, देश की 7वीं-08वीं अर्थव्यवस्था बन कर रह गया। डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश को देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनाने में सफल हुए हैं। इसमें स्वदेशी मॉडल के रूप में ‘एक जनपद एक उत्पाद‘ योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व चीन के उत्पाद भारतीय बाजारों में छाये रहते थे। यदि हम विदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो उसका मुनाफा विदेशों में जाएगा। स्थानीय हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को जब खरीदेंगे, तो उसका मुनाफा स्थानीय हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को प्राप्त होगा, जो उनकी खुशहाली का आधार बनेगा। स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी से प्राप्त धनराशि का प्रयोग देश के विकास में होगा। यह मॉडल भारत को समृद्ध व सशक्त बनाने में योगदान देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नागरिक आगामी त्योहारों, जन्मदिन, शादी समारोह आदि में अपने अतिथियों व मित्रों को स्थानीय हस्तशिल्पियों व कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को उपहार के रूप में दें। इससे स्वदेशी की भावना को बल मिलेगा और उसका मुनाफा हमारे स्थानीय हस्तशिल्पियों व कारीगरों को प्राप्त होगा। यदि मथुरावासी दीनदयाल धाम में बने गो-उत्पादों को उपहारस्वरूप देते हैं, तो इससे मुनाफा बढ़ने के साथ यहां के उत्पादों का प्रचार-प्रसार होगा, साथ ही गो-रक्षा का कार्य भी होगा। फिरोजाबाद के ग्लास की प्रतिकृति, दीपावली के अवसर पर दीनदयाल धाम में निर्मित दीपक, लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा व औषधियां को खरीदते हैं, तो इससे रोजगार सृजन होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अन्तर्गत 96 लाख यूनिट क्रियाशील हैं। इससे 02 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी और रोजगार की गारण्टी मिली है। प्रधानमंत्री जी ने देश में एक मॉडल के रूप में स्टार्टअप के नए ईकोसिस्टम को आगे बढ़ाया है। भारत स्टार्टअप के ईकोसिस्टम में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बना है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय धाम में निर्मित उत्पाद भी एक प्रकार का स्टार्टअप है, जिसे आगे बढ़ाना है। इससे एक नई कार्य संस्कृति विकसित होगी, जिससे लोगों के जीवन में नई उर्जा का संचार होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के 70 वर्ष पूर्व देखे गये ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में सफलता मिली है। प्रदेश में युवाओं के लिए पी0एम0 इंटर्नशिप योजना संचालित की जा रही है। युवाओं व कार्मिकों के शोषण को रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कर्मियों को न्यूनतम वेतन की गारण्टी दी है। इस गारण्टी के तहत उन्हें न्यूनतम 16 से 20 हजार रुपए मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत यदि कोई युवा स्वयं का उद्यम स्थापित करना चाहता है, तो सरकार पूरा सहयोग करेगी। योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं का प्रशिक्षण कराया जाएगा तथा चयनित युवाओं को 05 लाख रुपये तक ब्याजमुक्त व गारंटीमुक्त ऋण दिया जाएगा। इसमें 10 प्रतिशत मार्जिन मनी भी दी जाती है। जनवरी, 2025 से अब तक 70 हजार से अधिक युवाओं को अभियान के अंतर्गत ऋण दिया जा चुका है। यदि वह मूलधन समय से वापस करता है, तो उसे अगली बार साढ़े 07 लाख रुपए तथा तीसरी बार 10 लाख रुपए का ब्याजमुक्त व गारंटीमुक्त ऋण प्राप्त हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति है। भारत में उत्तर प्रदेश के युवा ऊर्जावान, प्रतिभाशाली तथा ऊर्जा का केंद्र बिंदु है। यहां की कुल आबादी का 60 प्रतिशत युवा हैं। यह वर्ष भारत के संविधान को लागू होने का अमृत महोत्सव वर्ष है। प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को विकसित भारत का संकल्प दिया है। विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए विरासत का सम्मान कर गुलामी के चिन्हों को समाप्त किया जायेगा तथा एकता व एकात्मता के लिए कार्य किया जाएगा। सेना, अर्धसैनिक बल के जवानों का सम्मान किया जायेगा। समतामूलक समाज के निर्माण हेतु सभी लोग मिलकर कार्य करेंगे तथा राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ नागरिक कर्तव्यों का पालन करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश जब वर्ष 2047 में अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तो भारत विकसित देश के रूप में स्थापित हो चुका होगा। यह दुनिया की सबसे बड़ी ताकत होगी। हमें भारत के निर्माण तथा विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश को विकसित बनाना होगा। व्यापक संभावनाओं को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भरता का मॉडल प्रत्येक क्षेत्र में लागू करना होगा, जो पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की स्वदेशी दृष्टि का ही हिस्सा है। यह मॉडल ग्राम इकाई से शुरू होता है। यदि ग्राम इकाई व नगर इकाई आत्मनिर्भर हो जाएगी, तो जनपद स्वयं आत्मनिर्भर हो जाएगा। जनपद के आत्मनिर्भर होने से प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा, प्रदेश के आत्मनिर्भर बनने से देश आगे बढ़ेगा।  इससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, रोजगार का सृजन तथा युवाओं को नौकरी मिलेगी। प्रधानमंत्री के पंच प्रणों को जीवन का मंत्र मानकर यदि प्रत्येक भारतवासी कार्य करेगा, तो पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के विजन के अनुरूप भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने में अवश्य सफल होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र व विजयदशमी की अग्रिम बधाई दी।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल, प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ0 बबीता चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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