सूचना निदेशक की आंखों में धूल झोंक रहा वेब मीडिया में तैनात शशांक शुक्ला और उसका साथी

उत्तर प्रदेश सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के वेब मीडिया में तैनात कर्मचारी शशांक शुक्ला और राजू के आगे सूचना निदेशक की भी नहीं चलती। क्योंकि वेब मीडिया में कोई भी काम होगा वो इन दोनों भ्रष्ट कर्मचारियों के चाहने से ही संभव हो पाएगा।

आपको बता दें कि ये दोनों भ्रष्ट कर्मचारी सूचना निदेशक की आंखों में धूल झोंक रहे हैं और निदेशक को इसकी भनक तक नहीं है।

वेब मीडिया में तैनात दोनों कर्मचारी वेबसाइट सूचीबद्ध करवाने आए संपादक को इतना नियम कानून बताते हैं कि वेबसाइट सूचीबद्ध हो पाना बहुत ही मुश्किल है।

शशांक शुक्ला ने मानक विहीन वेबसाइट को करवा दिया सूचीबद्ध

वर्ष 2022 में वेब मीडिया की सूचीबद्धता में कई ऐसी वेबसाइट सूचीबद्ध कर दी गई जिनका प्रकाशन तक सही से नहीं हो रहा है। प्रमाणों के मुताबिक शशांक शुक्ला ने एक ऐसी वेबसाइट को सूचीबद्धता प्रदान करवा दी। जिसका 2 वर्ष भी पूर्ण नहीं हुआ जोकि मानक के विरुद्ध है। सूचना निदेशक और विभाग के अन्य उच्च अधिकारी भी इस भ्रष्ट कर्मचारी की करतूत से अनभिज्ञ हैं।

आखिर किसके संरक्षण में हुआ ये खेल?

सूचना विभाग के वेब मीडिया में तैनात भ्रष्ट कर्मचारी की वजह से बहुत से संपादक वेबसाइट के कागजात लिए इधर उधर भटक रहे हैं और ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी अपने ही उच्च अधिकारियों की पीठ में खंजर भोख रहे हैं। इस भ्रष्टाचार के बारे में उच्च अधिकारियों को कोई खबर नहीं हैं क्योंकि यह सारा खेल वेब मीडिया में तैनात कर्मचारी शशांक शुक्ला और राजू के संरक्षण में हो रहा है।

जल्द ही नए प्रमाणों के साथ वेब मीडिया का एक और खुलासा प्रकाशित किया जाएगा। जिसमें एक उच्च अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी रिपोर्ट दे सकता है। खबर प्रमाणों के आधार पर लिखी गई है जोकि सूचना विभाग से प्राप्त आरटीआई में लिखित है।

अब देखना है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सूचना निदेशक इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर क्या एक्शन लेंगे? या फिर मामला ठंडे बस्ते में डालकर ऐसे ही कामकाज चलता रहेगा।

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