अंतर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमा पर बहुउद्देश्यीय हब के निर्माण की प्रगति समीक्षा

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमा पर बहुउद्देश्यीय हब के निर्माण की प्रगति समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमा के निकट बहुउद्देशीय हब का निर्माण कर उच्चतम गुणवत्ता वाली सुविधायें उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लायी जाये। ये हब राज्य की छवि को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। बहुउद्देशीय हब के निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण कार्य में तेजी लायी जाये। आवास विभाग द्वारा अधिग्रहीत भूमि का ले-आउट प्लान तैयार कर भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किये जाने वाली सुविधाओं के लिये भूमि का आवंटन किया जाये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सीमा पर प्रवेश पर लोग अच्छा महसूस करें और वापस प्रदेश की अच्छी छवि लेकर जायें। उन्होंने निर्मित होने वाले बहुउद्देशीय हब को पहचान देने और ब्राण्डिंग के लिये एक अच्छा नाम रखने का सुझाव दिया। राज्य की सीमा पर स्थित विद्यालय, अस्पताल, बस स्टैण्ड, किसान मंडी, बाजार, माॅल, पर्यटक सुविधाओं व अन्य सुविधाओं का आवश्यकतानुसार उन्नयन व नवनिर्माण कराया जाये और उनके साइनेजज मार्गों पर लगवाये जायें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 जनपदों के बार्डर पर गेट के निर्माण में तेजी लायी जाये। जिन गेट के निर्माण के लिये एनएचएआई स्तर पर एनओसी अपेक्षित है, उनमें एनएचएआई से संपर्क व समन्वय कर यथाशीघ्र एनओसी प्राप्त करते हुये निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। उन्होंने आगरा-जयपुर बार्डर पर भी एक गेट बनाने का सुझाव दिया।
बैठक में बताया गया कि गेट का निर्माण कार्य चित्रकूट में सतना-चित्रकूट-कर्वी मार्ग पर 90 प्रतिशत तथा मथुरा में मथुरा-गोवर्धन-डींग मार्ग पर 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, अवशेष कार्य प्रगति पर है।
उल्लेखनीय है कि बहुउद्देश्यीय हब के निर्माण के लिये महराजगंज में सोनौली-नौतनवा-गोरखपुर, सिद्धार्थनगर में लुम्बिनी-नौगढ़-बांसी-सिद्धार्
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चैहान, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।