बाँदा में सूचना विभाग का कारनामा, अंधा बांटे रेवड़ी, चीन्ह-चीन्ह के देय

बाँदा जिले का निकम्मा सूचना विभाग मीडिया एवं प्रशासन के बीच वैमनस्यता की दरार डाल रहा है? हालत यह हैं कि अपने निकम्मेपन से यह जहां अपने गुरुतर दायित्वों का पालन नहीं कर पा रहा, वहीं यह शासकीय निर्देशों को धता बता रहा है! शासन के निर्देश हैं कि सूचना विभाग मीडिया से मधुर तालमेल रखें, जिससे सरकार की योजनाओं एवं कार्यशैली को प्रमुखता मिल सके। अब हालत यह है की सूचना विभाग उलट बांसुरी बजा रहा है! इस कहानी को चरितार्थ करता है कि “अंधा बांटे रेवड़ी चीन्ह -चीन्ह के देय” !?
ऐसा इसलिये लिखा जा रहा है कि डीएम की प्रेस वार्ता होनी होगी तो उन्हीं मीडिया वालों को बुलाया जायेगा, जो सामान्यतया इन्हें अपना मालिक एवं विधाता समझते हैं।
दरअसल अवसर था दीपावली पर्व पर डीएम और एसपी द्वारा पत्रकारों को मिष्ठान तथा गोबर के दीपक वितरण का। इसमें सूचना विभाग ने अपने खास 30-35 लोगों को मिष्ठान एवं दीपक वितरण करा दिया। इससे बाँदा के पत्रकारों में भेद-भाव होने का संदेश गया। सूचना विभाग ने सफाई दी कि कलेक्ट्रेट सभागार में सारे पत्रकारों को बैठने की जगह नहीं थी, पर इस तरह की निकम्मी सोच कई मौकों पर दिखाने वाले और बालू मौरंग व्यापारियों से सांठगांठ रखने वाले सूचना विभाग को कौन समझाए कि यह आयोजन विकास भवन सभागार में भी हो सकता था। बात मिठाई और दीया की नहीं, बल्कि सूचना विभाग की सोच और कार्यशैली की है जो निरन्तर प्रशासन एवं मीडिया के बीच खाई उत्पन्न करने का घृणित कार्य कर रहा है।
बात इतने में ही खत्म हो जाती तो भी ठीक था, पर हद तब हो गयी जब कुछ पत्रकार ऐसे भी पहुंचे जिनसे पूंछा गया कि आपके पास आने का मैसेज आया था कि नहीं? जवाब न में मिलने पर सूचना विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें अन्दर घुसने नहीं दिया, उल्टा हाथ पकड़कर बाहर कर दिया। इस बात को लेकर पत्रकारों ने आर-पार की लड़ाई की ठान ली है। इसे लेकर बाँदा प्रेस क्लब ने सूचना विभाग को घेरते हुए पिछले 23 वर्षों का रिकॉर्ड आरटीआई के माध्यम से मांगा है।
बाँदा प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश निगम दद्दा ने कहा कि अपने साथियों के अपमान को कतई सहन नहीं किया जायेगा। इसके लिए लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री और सूचना अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे को अवगत कराया जायेगा और मांग की जायेगी, कि इस प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाये। ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी घृणित हरकत करने की कोई सोच भी न सके।
बाँदा प्रेस क्लब के महामंत्री सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि यदि आवश्यक हुआ तो बाँदा प्रेस क्लब माननीय न्यायालय की शरण में भी जायेगा। और दीपावली के बाद लखनऊ जाकर गांधी प्रतिमा के नीचे बाँदा प्रेस क्लब अनशन और प्रदर्शन भी करेगा।
प्रेषक
सचिन चतुर्वेदी
संपादक
बुल्डेलखंड न्यूज