सीएम योगी ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर और श्री हनुमानगढ़ी मन्दिर में दर्शन-पूजन किया

मुख्यमंत्री ने जनपद अयोध्या में प्राचीन संत रविदास मंदिर में मूलभूत सुविधाओं के विकास, सौन्दर्यीकरण कार्यों एवं नवनिर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी, गौतम बुद्ध एवं डॉ0 भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये, संत रविदास मन्दिर में पूजा-अर्चना की
मुख्यमंत्री सन्त रविदास मन्दिर के सत्संग भवन में सन्तजन के साथ सामूहिक भोज में सम्मिलित हुए
संत रविदास जी ने अपनी कर्म प्रधान व्यवस्था के माध्यम से तत्कालीन समाज की सुप्त चेतना को जागृत करने का कार्य किया : मुख्यमंत्री
 
संत रविदास की कर्म प्रधान साधना की प्रेरणा से प्रधानमंत्री हर भारतवासी को ‘विकसित भारत’ के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित कर रहे
सरकार की प्राथमिकता समाज के सभी वर्गों को जोड़कर आगे बढ़ने तथा उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने की
 
विगत 10 वर्षों में काशी के सौंदर्यीकरण के माध्यम से सद्गुरु संत रविदास महाराज की जन्म भूमि सीर गोवर्धन को नई काया के रूप में प्रस्तुत किया गया
काशी के साथ ही, अयोध्या में भी विकास के अनेक कार्य हुए, हमें एक नई अयोध्या के दर्शन हो रहे
अयोध्या में रजक समाज, पासी समाज, वाल्मीकि समुदाय तथा अन्य सभी समुदाय से जुड़े हुए मन्दिरों ने समाज को एक प्रेरणा दी, इसी प्रेरणा से अयोध्या के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया गया
अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी के रूप में अपनी एक नई पहचान बना रही
 
मुख्यमंत्री ने सरयू अतिथि गृह में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियां के साथ बैठक की, सभी परियोजनाएं गुणवत्तापूर्वक और समय से पूरी करने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज अयोध्या के विकास की एक नई कड़ी की शुरुआत हो रही है। नई अयोध्या में सद्गुरु संत रविदास जी मंदिर के सौन्दर्यीकरण के क्रम में सत्संग भवन का लोकार्पण किया गया है। संत रविदास जी मध्यकालीन भारत के ऐसे सिद्ध पुरुष थे, जिन्होंने अपनी कर्म प्रधान व्यवस्था के माध्यम से तत्कालीन समाज की सुप्त चेतना को जागृत करने का कार्य किया था। उन्होंने उस समय पूरी मजबूती के साथ सामाजिक विसंगतियों के खिलाफ आह्वान करते हुए सोए समाज को जागरूक करने का कार्य किया था।

मुख्यमंत्री योगी ने जनपद अयोध्या में 115 लाख रुपये लागत से प्राचीन संत रविदास मंदिर में मूलभूत सुविधाओं के विकास, सौन्दर्यीकरण कार्यों एवं नवनिर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने संत रविदास, गौतम बुद्ध एवं डॉ0 भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। उन्होंने संत रविदास मन्दिर में पूजा-अर्चना भी की। ज्ञातव्य है कि 400 लोगों की क्षमता वाले आधुनिक सत्संग भवन का निर्माण पर्यटन विभाग के सहयोग से यू0पी0पी0सी0एल0 द्वारा किया गया है। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर और श्री हनुमानगढ़ी मन्दिर में भी दर्शन-पूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए सन्त रविदास मन्दिर के महन्त बनवारीपति ब्रह्मचारी जी महाराज एवं उनके अनुयायियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मध्यकाल में हमारा देश विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण से भयाक्रांत था। सर्वत्र भय का माहौल था। सनातन धर्म खतरे में था। हमारी आस्था के प्रतीक-मन्दिर तोड़े जा रहे थे। उन स्थितियों में काशी में रहकर एक संत गर्व से सामाजिक एकता के लिए उस समय की राजव्यवस्था को चुनौती देकर तत्कालीन समाज की सुप्त चेतना को जागृत करने का कार्य कर रहे थे। उन्होंने कर्म के माध्यम से विश्व को एक नई दिशा दी। संत रविदास ने कहा ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास अपने सहयोगी संतों के साथ गंगा जी स्नान के लिए जाते रहते थे। जब संत रविदास जी के पास कार्य नहीं होता था, तो वह गंगा जी में स्नान के लिए चले जाते थे। लेकिन जब उनके पास कार्य होता था, तो वह कर्म को प्रधानता देते थे। एक बार कार्य की अधिकता के कारण संत रविदास जी अपने सहयोगियों के साथ गंगा जी में स्नान के लिए नहीं जा पाए। उन्होंने अपनी कठौती में से एक आना निकालकर अपने सहयोगियों को दिया कि उनकी तरफ से गंगा जी में अर्पित कर दें। कहा जाता है कि जब संत रविदास की ओर से एक आना गंगा जी को अर्पित किया गया, तो गंगा जी ने स्वयं अपने हाथ से उस दक्षिणा को ग्रहण किया। संत रविदास जी के सभी सहयोगी आश्चर्यचकित थे। संत रविदास जी के सहयोगियों ने वापस लौटकर जब उनसे इस बात का कारण पूछा, तो संत रविदास जी ने कहा कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा।’


मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी के सीर गोवर्धन के संत रविदास जी की कर्म प्रधान साधना लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह वही कर्म प्रधान व्यवस्था है, जिसके विषय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री हर भारतवासी से एक ही बात कहते हैं कि हमें ‘विकसित भारत’ के लिए कार्य करना है। ‘विकसित भारत’ का तात्पर्य है कि जहां पर किसी प्रकार का जाति भेद न हो, जहां आर्थिक व सामाजिक सहित कोई विषमता ना हो, जहां किसी भी प्रकार का अभाव न हो और हर ओर खुशहाली तथा सुरक्षा का माहौल हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत’ में हर व्यक्ति एक सार्थक दिशा में प्रयास करते हुए समाज और देश के लिए ही सोचेगा। जब प्रधानमंत्री हमें इस भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो इसके मूल में संत रविदास जी महाराज की ही प्रेरणा होती है। संत रविदास जी ने मध्यकाल में, उस समय के विदेशी आक्रांताओं से भयभीत समाज को जागरूक करने के लिए काशी की धरती से जो अभियान चलाया था, आज काशी के सांसद के रूप में प्रधानमंत्री के द्वारा यह अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 10 वर्षों में काशी के सौंदर्यीकरण के माध्यम से सद्गुरु संत रविदास जी महाराज की जन्म भूमि सीर गोवर्धन को नई काया के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वहां संत रविदास जी महाराज की भव्य प्रतिमा की स्थापना हुई है तथा अन्न क्षेत्र का निर्माण हुआ है। सौंदर्यीकरण के कार्यों के साथ ही, बेहतरीन कनेक्टिविटी से सीर गोवर्धन को जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी के साथ ही, अयोध्या में भी विकास के अनेक कार्य हुए हैं। अयोध्या के कायाकल्प के आप सभी गवाह हैं। आज से 08 वर्ष पूर्व कोई यह नहीं सोचता था कि यहां भी फोरलेन की सड़कें, इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, माता शबरी के नाम पर अन्न क्षेत्र और निषादराज के नाम पर यात्री विश्रामालय बनेगा। कोई यह भी नहीं सोचता था कि अयोध्या में पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग भव्य रूप ले पाएंगे। आज यह सभी कार्य अयोध्या धाम में साकार रूप ले चुके हैं। हमें एक नई अयोध्या के दर्शन हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें राम जी की पैड़ी या सरयू जी के घाटों को नए रूप में देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है। दीपोत्सव, रामनवमी, हनुमत जयन्ती या विभिन्न पर्व और त्योहारों के समय अयोध्या की रौनक प्रथम पुरी के रूप में इसके गौरव में कई गुना वृद्धि कर रही हैं। यह कार्य तभी सम्भव हुए हैं, जब पूरा भारत एक स्वर से अपने धामों को भव्य स्वरूप देने के लिए उत्सुक दिखाई दिया है। आज सद्गुरु रविदास जी महाराज के मन्दिर में सभागार का लोकार्पण उसी श्रृंखला का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी जी महाराज द्वारा दिए गए प्रस्ताव के आधार पर पर्यटन विभाग द्वारा प्राथमिकता से इन कार्यों को आगे बढ़ाया गया है। यहां रजक समाज, पासी समाज, वाल्मीकि समुदाय तथा अन्य सभी समुदाय से जुड़े हुए मन्दिरों ने समाज को एक प्रेरणा दी है। इसी प्रेरणा से अयोध्या के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया गया है। आज से 08 वर्ष पूर्व कोई यह कल्पना नहीं करता था कि अयोध्या देश से एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से जुड़ेगी। हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्री राम यहां पुष्पक विमान से आए होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में देश में अनेक सरकारें बनीं, लेकिन उन्होंने अयोध्या के विकास के लिए कुछ नहीं किया। पहले अयोध्या में बिजली नहीं मिलती थी, पर्व और त्योहारों में साफ-सफाई नहीं होती थी। यहां सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। रेलवे की सिंगल लाइन थी और रोड कनेक्टिविटी भी बहुत अच्छी नहीं थी। आज देश और दुनिया की निगाहें अयोध्या की ओर है। हर व्यक्ति अयोध्या धाम और यहां के मन्दिरों का दर्शन करना चाहता है। अयोध्या जो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि और सूर्यवंश की राजधानी है, आज देश की पहली सोलर सिटी के रूप में भी अपनी एक नई पहचान बना रही है।

मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी महाराज जी मन्दिर के श्रीमहन्त, पासी समाज और कबीर मठ से जुड़े महन्त, रजक समाज या अन्य पवित्र स्थलों से जुड़े पूज्य संतजन को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता समाज के सभी वर्गों को जोड़कर आगे बढ़ने तथा उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने की है। उसी क्रम में आज वह यहां आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर नए भारत, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दे पाएं, इसके लिए हमारा संकल्प अपने कर्तव्यों के साथ जुड़ना चाहिए। राष्ट्र प्रथम, उसके बाद परिवार और उसके बाद व्यक्ति का हित, जब इस भावना से कार्य किया जाएगा, तो दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान हमारे हाथों में होगा। लोगों की भावनाएं देश, सेनाओं और शीर्ष नेतृत्व के प्रति पवित्र भाव से जुड़नी चाहिए।

कार्यक्रम के उपरान्त मुख्यमंत्र सन्त रविदास मन्दिर के सत्संग भवन में सन्तजन के साथ सामूहिक भोज में भी सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, रामचन्दर यादव, अमित चौहान, अभय सिंह, राजस्थान के विधायक महन्त बालकराम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, सन्त रविदास मन्दिर के महन्त बनवारीपति ब्रह्मचारी जी एवं सन्तगण व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अयोध्या भ्रमण के अवसर पर सरयू अतिथि गृह में जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियां के साथ बैठक की। उन्होंने अयोध्या और अयोध्याधाम में संचालित विकास परियोजनाओं की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि सभी परियोजनाएं गुणवत्तापूर्वक और समय से पूरी की जाएं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता को प्राथमिकता दी जाए। शहर के सौन्दर्यीकरण पर फोकस किया जाए। अयोध्या के विकास की सम्भावनाओं को साकार करने के लिए स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य नागरिकों की राय भी ली जाए।

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