सीएम योगी ने गोरखपुर में 200 TPD क्षमता के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का लोकार्पण किया
गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के माध्यम से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट हेतु प्रयास किये जा रहे, प्राकृतिक विधि से कचरे का निस्तारण हो रहा, गोरखपुर इसका एक मॉडल बना, गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण कर कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया का अवलोकन किया, कूड़ा कलेक्शन वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर के चरगांवा में नगर निगम गोरखपुर द्वारा 9.89 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 200 टी0पी0डी0 क्षमता के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण कर कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने कूड़ा कलेक्शन वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया तथा सफाई मित्रों को सम्मानित करने के साथ ही बच्चां का अन्नप्राशन एवं गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की। उन्होंने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, प्रमाण-पत्र व प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम की जयंती है। इस पावन अवसर पर गोरखपुरवासियों को यह उपहार प्राप्त हो रहा है। पहले लोग अपने घर के कूडे़ को सड़क पर फेंक देते थे, नाली में डाल देते थे, जिससे जल निकासी नहीं हो पाती थी और सड़कों पर पानी बहता था। इस कारण हर तरफ गंदगी दिखती थी। इससे मच्छर पैदा होते थे, जिससे कई बीमारिया फैलती थीं। इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां मच्छर से होती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें लक्ष्य दिया कि हर व्यक्ति को क्वालिटी ऑफ लाइफ मिले। इसके लिए वैसा ही वातावरण बनाना आवश्यक होता है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री जी ने 02 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम प्रारम्भ किया। क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी के लिए देश के सामने लक्ष्य तय किया गया। वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके दृष्टिगत शासन द्वारा विभिन्न अभिनव प्रयास प्रारम्भ किये गये हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप स्मार्ट सिटी की परिकल्पना सामने आयी है। इस गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन से गोरखपुरवासियों को खुले में कूड़े से मुक्ति मिलेगी तथा खुले वाहनों द्वारा कूड़ा परिवहन से होने वाले प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा। स्वच्छ एवं साफ वातावरण की दिशा में डबल इंजन सरकार की यह एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता क्या होती है, इसका अंदाजा वर्ष 2017 के पहले जनपद की स्थिति से लगाया जा सकता है। पहले गोरखपुर की पहचान मच्छरों, बीमारियों एवं माफिया से होती थी, किन्तु वर्तमान में हम उससे उबर चुके हैं। हमने एक बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया है। पहले इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों बच्चों को निगल लेती थी। इस बीमारी से मुक्ति दिलाने का कार्य किया गया। यह स्वच्छ भारत मिशन के परिणामस्वरूप हुआ। इसके लिए जो मिशन शुरू हुए, यह उसके परिणाम हैं। इस मिशन के लिए हम प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं। उनके नेतृत्व में हम सभी को स्वच्छ व सुन्दर वातावरण में रहने का अवसर प्राप्त हुआ है। हमारे युवा व नौनिहाल सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर घर में शौचालय बनाये जा रहे हैं। हर घर को शुद्ध जल प्राप्त हो रहा है। जगह-जगह कूड़ा घर बनाये जा रहे हैं। आज चरगावां क्षेत्र में 20 वॉर्डों के लिए 200 टी0पी0डी0 क्षमता के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन का लोकार्पण हुआ है। इससे इस क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन होगा। शहर की अन्य जगहों पर भी इसी तरह के कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। लालडिग्गी में भी इसी प्रकार का एक स्टेशन बनाया जा चुका है। सुथनी में 500 टन प्रतिदिन क्षमता के गार्बेज स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके माध्यम से वेस्ट-टू-वेल्थ बनाने का कार्य किया जायेगा। इसमें कचरे के प्रसंस्करण से विभिन्न उपयोगी वस्तुएं जैसे टाइल्स आदि बना सकेंगे। खेती के लिए उपयोगी चीजें भी इससे बनाई जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कार्य के लिए एक विजन होना चाहिए और उस विजन को जमीनी धरातल पर उतारने के लिए इच्छा शक्ति भी होनी चाहिए। ईमानदारी एवं व्यापक दृष्टिकोण के साथ इच्छाशक्ति को परिणाम में बदलने के लिए एक टीम वर्क भी होना चाहिए। वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में इन सभी का अभाव था। तब एक ही बरसात में पूरा शहर जलमग्न हो जाता था। गंदगी व मच्छरों का अम्बार लगा रहता था। 15 जून के बाद इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी की दहशत हर घर में व्याप्त रहती थी। शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज गार्बेज ट्रासंफर स्टेशन की स्थापना हो रही है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। प्राकृतिक विधि से कचरे का निस्तारण हो रहा है। गोरखपुर उसका एक मॉडल बना है। यहां बने गार्बेज ट्रासंफर स्टेशन का सभी को अवलोकन करना चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनके घर के कूड़े को किस प्रकार उपयोगी बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर शहर जलजमाव की समस्या से मुक्त हो सके, इसके लिए गोड़धोईया नाले के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जिस दिन यह पूरा होगा, शहर को जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिल जायेगी। इस नाले से लोगों को आवागमन हेतु मार्ग एवं स्वच्छ वातावरण भी प्राप्त होगा। गोरखपुर अब बदल चुका है। जो भी यहां आता है, अभिभूत होकर जाता है। यह नये भारत के नये उत्तर प्रदेश का नया गोरखपुर है। आज यहां अच्छी सड़कें व ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था है। शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट हेतु अन्य कार्य भी संचालित किए जा रहे हैं। आज हम विकास के नित नये कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ रहे हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज, जो पहले स्वयं बीमार था, आज यह बीमारियों के उपचार का केन्द्र बना है। एम्स, गोरखपुर के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए उपचार का प्रमुख केन्द्र बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामगढ़ताल अपनी सुन्दरता से सभी को आकर्षित कर रहा है। पूर्व में स्ट्रीट लाइट में प्रयोग होने वाले हैलोजन बल्ब के स्थान पर एल0ई0डी0 लाइटें लगाई गयी हैं, जो अच्छे प्रकाश के साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद कर रही हैं। आज पूरा शहर दूधिया लाइट में चमकता है। इससे बिजली भी कम खर्च होती है। वर्ष 2017 के पहले बिजली की स्थिति अच्छी नहीं थी। एक सप्ताह बिजली नहीं आती थी और एक सप्ताह केवल 02 घण्टे के लिए बिजली आती थी। आज सभी को पर्याप्त बिजली मिल रही है। यही परिर्वतन है।
इस अवसर पर गोरखपुर के महापौर मंगलेश श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।