मुख्य सचिव ने रोजगार मिशन की कार्ययोजना की समीक्षा की, युवाओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दिलाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अंतर्गत गठित राज्य संचालन समिति की बैठक आज मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, दीपक कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्यों एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन तथा सचिव राज्य संचालन समिति एम.के. शन्मुगा सुन्दरम् ने अवगत कराया कि प्रदेश सरकार ने युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोजगार मिशन का गठन किया है। पिछले वर्ष मिशन के माध्यम से 5978 निर्माण श्रमिकों को इज़राइल भेजा गया, जिससे प्रदेश को लगभग 1400 करोड़ रुपये का रेमिटेंस प्राप्त हुआ। इस वर्ष 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने, देश के निजी क्षेत्र में 3,00,000 अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा 4,00,000 अभ्यर्थियों की कैरियर काउंसलिंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
निदेशक सेवायोजन नेहा प्रकाश ने रोजगार मिशन के मुख्य उद्देश्यों और वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डॉ. हरिओम और प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र ने कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु सुझाव दिये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की पहचान करने हेतु फिक्की, एसोचैम और सीआईआई जैसे उद्योग संघों के साथ बैठक की जाये और उद्योगों में आगामी वर्षों में उत्पन्न होने वाले रोजगार की जानकारी के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाये। विदेशों में रोजगार मांग के सर्वेक्षण के लिए एम्बेसी के सहयोग से रोड शो, इंडस्ट्रीज के साथ कोलेबोरेशन तथा डेलीगेशन विजिट पर सहमति दी गयी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अभ्यर्थियों को विदेश भेजने से पूर्व भाषा प्रशिक्षण, प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन प्रोग्राम, स्किल गैप की पूर्ति, विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जॉबीनार एवं वेबीनार का आयोजन, प्लेसमेंट इवेंट एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम कराये जायेंगे। इसके साथ ही पोस्ट प्लेसमेंट सपोर्ट के अंतर्गत एम्बेसी की मदद से स्थानीय संरक्षक (लोकल गार्जियन) की व्यवस्था तथा 24×7 इंटीग्रेटेड कॉल सेंटर संचालित किया जायेगा।