मुख्यमंत्री योगी ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कार्यों की समीक्षा की

03 से 06 वर्ष तक के सभी पंजीकृत बच्चों को प्रातःकाल पौष्टिक स्वल्पाहार उपलब्ध कराने हेतु ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ प्रारम्भ की जानी चाहिए : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘सुपोषित उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के सभी जनपदों में टेक होम राशन (टी0एच0आर0) की इकाइयां स्थापित करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कार्यों की समीक्षा की और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गम्भीर तीव्र कुपोषण (सैम) की समस्या को लेकर अब तक ’सम्भव अभियान’ के अंतर्गत जो प्रयास किए गए हैं, उनसे उल्लेखनीय सुधार अवश्य हुआ है, लेकिन अभी भी सतत पोषण सहायता की महती आवश्यकता बनी हुई है। इसके दृष्टिगत 03 से 06 वर्ष तक के सभी पंजीकृत बच्चों को प्रातःकाल पौष्टिक स्वल्पाहार उपलब्ध कराने हेतु ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ प्रारम्भ की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना डॉ0 भीमराव आंबेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन के अंतर्गत चिन्हित गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। इसके साथ ही, आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकासखण्डों को भी इससे लाभान्वित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इसी भाव के साथ ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ के सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने बच्चों में स्टंटिंग, अंडरवेट और वेस्टिंग जैसे पोषण मानकों की सतत मॉनीटरिंग पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के समन्वय से एकीकृत प्रयास सुनिश्चित किए जाएं। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को प्रातःकाल स्वल्पाहार के रूप में दूध, फल, पोषाहार आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन लाभार्थी परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, आंगनबाड़ी के बच्चों आदि को स्वादिष्ट, सुपाच्य और क्वालिटी युक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध करानी चाहिए। रेसिपी आधारित टेक होम राशन में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में उपलब्ध विशिष्ट फसलों, जैसे प्रतापगढ़ का आंवला, श्रीअन्न, गुड़ आदि भोज्य पदार्थों को स्थान दिया जाना उचित होगा। रेसिपी आधारित टेक होम राशन के मेन्यू को विविधतापूर्ण बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कुपोषण की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बहुआयामी रणनीति के तहत पारदर्शिता, गुणवत्ता और सहभागिता को केंद्र में रखा गया है। इसके अंतर्गत वर्तमान में 43 जनपदों में 204 इकाइयों द्वारा 288 परियोजनाओं को टेक होम राशन की आपूर्ति की जा रही है। अब इन्हें सभी जनपदों तक विस्तार दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि टेक होम राशन के निर्माण, पैकेजिंग और वितरण की पूरी प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए।

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