मुख्यमंत्री योगी ने नवचयनित 701 वन दरोगाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश के वन विभाग को आज 701 नये वन दरोगा प्राप्त हो रहे हैं। इससे पूर्व सितम्बर माह में 647 वनरक्षकों को नियुक्ति प्रदान की गयी थी। इतनी बड़ी नियुक्ति से वन विभाग में विभिन्न स्तरों पर पदों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। इन नवचयनित वन दरोगा में 140 महिलाएं शामिल हैं। यह प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 20 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की भर्ती किये जाने के लक्ष्य के लगभग अनुरूप है।

मुख्यमंत्री ने लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 701 वन दरोगा को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 21 नवचयनित वन दरोगा को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग पर्यावरण तथा जीव सृष्टि के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इससे दुनिया चिंतित है। यह समस्या अपने आप नहीं बनी है, बल्कि इसके लिए अनियोजित और अवैज्ञानिक विकास की मनुष्य की प्रवृत्ति जिम्मेदार है। इसके दुष्परिणाम मनुष्य झेल रहा है। वर्तमान में कहीं अतिवृष्टि, तो कहीं अनावृष्टि देखने को मिल रही है। कहीं पर हीटवेव चल रही है, तो कहीं कोल्डवेव से लोग परेशान हैं। कहीं बाढ़ से जनजीवन तबाह है, तो कहीं लोग एक बून्द पानी के लिए तरस रहे हैं। हम प्रकृति के रौद्र रूप को देख रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी हम लोग प्रकृति के इस रूप को समझने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नवचयनित वन दरोगा को यह अवसर प्राप्त हो रहा है कि सम्पूर्ण जीव सृष्टि के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना के साथ कार्य कर सकें। वर्तमान में देश की राजधानी और उसके आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण से प्रभावित है। वहां स्कूल और कॉलेज को बन्द करना पड़ा है। लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गयी है। यह समस्या मनुष्यों ने उत्पन्न की है। अतः इसके समाधान की तलाश मनुष्यों को ही करनी है। पर्यावरण एवं वन विभाग से जुड़े आप सभी कार्मिक मिलकर इस चुनौती के समाधान के लिए सबसे अहम भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी को निवेश करने से नहीं रोक सकते हैं। इसी प्रकार विज्ञान को भी आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते हैं। लेकिन अधूरा ज्ञान, अधूरा विज्ञान तथा अधूरी तकनीक खतरनाक होती है। प्रत्येक उद्योग यह सुनिश्चित करे कि कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो तथा पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गैसें भी कम से कम उत्सर्जित हों। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की दिशा में हम कार्य करें। इसके साथ ही, वनाच्छादन का कम होना भी चिंता का विषय होना चाहिए। आमजन को इसके प्रति जागरूक करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती माता के गर्भ में संचित जल भण्डार में कमी आ रही है। अतः जल संग्रहण के प्रति लोगों को आग्रही बनाना होगा। अपने निहित स्वार्थां के लिए वनों में लगायी जाने वाली आग को नियंत्रित करना होगा। ऐसे अनेक कार्यक्रम वन दरोगा अपने स्तर पर आगे बढ़ा सकते हैं, जो पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक कर सकें। सभी प्राणि उद्यान वन विभाग के अन्तर्गत आते हैं। प्रदेश में अलग-अलग जगह टाइगर रिजर्व बनाये गये हैं। हमें ध्यान रखना होगा कि वन्य जीवों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न हो। संवेदनशीलता के साथ तथा संवाद के बेहतर माध्यम से आप यह कार्य आगे बढ़ा सकते हैं। आपके यह कार्य वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर सरकारी नौकरी पाने के बाद व्यक्ति अपने दायित्वों का निर्वहन करने में लापरवाही करते हैं, जबकि उन्हें निश्चिंत भाव के साथ कार्य करते हुए प्रभावी ढंग से आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें अपने विभाग को शासन के अच्छे विभागों में शामिल करने की दिशा में सबसे उत्कृष्ट कार्यां को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्हें इनोवेशन को बढ़ावा देना चाहिए। विभाग के विकास के लिए नए-नए शोध करने चाहिए। उनकी कार्यपद्धति विभाग के लिए अनुकरणीय होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विगत साढ़े सात वर्षां में अनेक कार्य किये गये हैं। नियुक्ति पत्र वितरण का यह कार्यक्रम 02 वर्ष पूर्व इसलिए प्रारम्भ किया गया था कि नवचयनित अभ्यर्थियों से हमारा कम से कम एक बार संवाद हो सके। आप नियुक्ति पत्र प्राप्त करके शासन की व्यवस्था का हिस्सा बन रहे हैं। उसी समय हम आपको यह बता सकते हैं कि आपकी लक्ष्मण रेखा क्या है और आप किस प्रकार अच्छा कार्य करके आगे की दूरी तय करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विजन है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से सम्पन्न होनी चाहिए। वर्ष 2017 में सरकार बनने पर हमनें सभी आयोगों तथा भर्ती बोर्डों को शुचिता व पारदर्शिता से नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न करने के लिए कहा। इसका परिणाम है कि विगत साढ़े सात वर्षां में 07 लाख से अधिक नौजवानों को प्रदेश में सरकारी नौकरी देने में हम सफल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े सात वर्षां में प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी दोगुनी हुई है। सुरक्षा के वातावरण से 02 करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी उपलब्ध करायी गयी अथवा रोजगार से जोड़ा गया है। प्रदेश के परम्परागत उद्यमों को पुनर्जीवित किया गया है। राज्य में देश का सर्वाधिक कामकाजी युवा वर्ग है। हमारे यहां स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध है। इनकी ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ राज्य के विकास के लिए ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता हमारे परिवार का हिस्सा है। सभी भर्ती आयोगों तथा बोर्डां से कहा गया है कि किसी भी नौजवान के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। कल 60,244 पुलिस कार्मिकों की भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम आया है। पूरी परीक्षा नकलविहीन तथा पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुई। अगले 02 माह में वैरीफिकेशन, मेडिकल तथा फिजिकल फिटनेस की कार्यवाही सम्पन्न करते हुए चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग सेन्टर भेज दिया जाएगा। इनमें 20 प्रतिशत बालिकाएं भर्ती हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आप सभी नवचयनित वन दरोगा को पहचान व सम्मान दे रहा है। आपके भी राज्य तथा राष्ट्र के प्रति कुछ दायित्व  हैं। यदि आर्थिक तथा पर्यावरण की दृष्टि से हमारा राज्य एवं राष्ट्र सम्पन्न होगा, तो वर्तमान व भावी पीढ़ी भी खुशहाल होगी। इसके लिए आपको स्वयं को तैयार करना होगा। उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने में सभी कार्मिकों का योगदान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े सात वर्षां में वन विभाग ने अच्छे कार्य किये हैं। इन वर्षां में प्रदेश का वनाच्छादन बढ़ा है। प्रदेश में इस अवधि में 200 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण किया गया है। इस वर्ष प्रदेश में 36 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण कर प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के विजन को धरातल पर उतारा गया है। उत्तर प्रदेश ने यह दिखाया है कि एक बड़े अभियान को सफलतापूर्वक कैसे आगे बढ़ाया जाता है। इसके लिए आमजन की सहभागिता सुनिश्चित की गयी। वन विभाग द्वारा किये गये वृक्षारोपण में से 75 प्रतिशत से अधिक वृक्ष सुरक्षित पाये गये हैं। इसी प्रकार विभिन्न विभागों के स्तर पर जो वृक्ष लगाये गये है, उनमें 65 से 70 प्रतिशत वृक्ष जीवित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसी कार्य को जनान्दोलन का रूप दिया जाता है तो यह उसे सफलता की नई ऊंचाइयां प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण है कि आम जनमानस ऐसे कार्यक्रमों के प्रति जागरूक हो। यह सामूहिक जिम्मेदारी बनें। आप अपनी सेवा में जनता से दूरी न बनाए, बल्कि उनसे बेहतर संवाद करें। इससे आप वनों तथा वन्य प्राणियों की रक्षा कर पाएंगे। प्रदेश के टाइगर रिजर्व, वन्य जीवों की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों या मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति वाले क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करके गाइड बनाए। इसका हमें लाभ मिलेगा। वन विभाग ने कुछ क्षेत्रों में बाघ मित्र बनाये हैं। यह बाघ मित्र लोगों को बाघ की दृष्टि से सावधानियां बरतने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण एवं जीव-जन्तुओं को बचाने की दृष्टि से आज एक नई पहल को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। हम प्लास्टिक फ्री व्यवस्था के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं। प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा करती है। इसके बिना भी कार्य चल सकता है। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी वन दरोगा अपने उत्कृष्ट कार्यां से प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार वन विभाग को बेहतर स्थिति में पहुंचाएंगे तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान देंगे।
कार्यक्रम में नव चयनित वन दरोगाओं ने मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता व शुचिता के साथ उनकी भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न किये जाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों से नियुक्ति पत्र प्राप्त करना उनके लिए गौरव का क्षण है। वह सभी अपने कर्तव्यों का पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।

कार्यक्रम को वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना तथा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री के0पी0 मलिक, प्रमुख सचिव वन अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा तथा नवचयनित वन दरोगा उपस्थित थे।

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