इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और भारतीय रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक-लखनऊ मंडल ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

मुख्य सचिव की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स अवसंरचना को सशक्त बनाने हेतु इन्वेस्ट यूपी और भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवसंरचना को सुदृढ़ करने और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए इन्वेस्ट यूपी और भारतीय रेलवे के लखनऊ मंडल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इन्वेस्ट यूपी विजय किरण आनंद और वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, लखनऊ मंडल, भारतीय रेलवे रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित कर आदान-प्रदान किया।

मुख्य सचिव ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में इस एमओयू के लिए इनवेस्ट यूपी और रेलवे की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह समझौता उत्तर प्रदेश को एक राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ‘व्यवसाय करने में सुगमता’ और एकीकृत लॉजिस्टिक्स अवसंरचना के विकास को नई गति देगा।

उन्होंने कहा कि अच्छी कनेक्टिविटी कच्चे माल, तैयार उत्पादों, और अन्य आवश्यक वस्तुओं को सुलभ ढंग से लाने-ले जाने और बाज़ार तक पहुँचाने में मदद करती है। उन्होंने विभागों के मध्य आपसी समन्वय से एमओयू के प्रावधानों को समयबद्ध तरीके से लागू करने पर विशेष बल दिया।

उत्तर प्रदेश शासन और भारतीय रेलवे के अधिकारियों के बीच आगामी कार्यवाही को लेकर एक व्यापक चर्चा की गई। इस चर्चा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। भारतीय रेलवे की उपलब्ध भूमि से संबंधित डेटा को प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल में समाहित किया जाएगा, ताकि संभावित निवेशकों को भूमि की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके। लीज की शर्तों में यह अनिवार्य किया गया है कि कच्चे माल या तैयार वस्तुओं के परिवहन की कम से कम एक प्रक्रिया रेलवे मार्ग से की जाएगी, जिससे मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिलेगा।

इस रणनीतिक सहयोग के अंतर्गत लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को भारतीय रेलवे की भूमि 35 वर्षों की लीज पर प्रचलित औद्योगिक या सर्किल दर के मात्र 1.5% की रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य राज्य में वेयरहाउस तथा संबंधित अवसंरचना का विकास करना है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिल सके।

यह भागीदारी उत्तर प्रदेश सरकार की उस दूरदर्शिता के अनुरूप है जिसके अंतर्गत राज्य में उच्च गुणवत्ता की भंडारण सुविधाओं के विकास हेतु निजी निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। राज्य सरकार 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबे रेलवे नेटवर्क का लाभ उठाकर एक मजबूत लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम विकसित कर रही है, जिसमें मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब शामिल हैं। राज्य में ड्राइ पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स पार्क्स का भी विकास किया जा रहा है, जिससे निर्यात में सहूलियत मिले। वर्तमान में दादरी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब और वाराणसी में देश का पहला “फ्रेट विलेज” विकसित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पहले से ही देश में सबसे अधिक कोल्ड स्टोरेज क्षमता (39.84% राष्ट्रीय क्षमता) रखता है।

यह समझौता उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति 2022 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देना है। इस नीति के तहत वेयरहाउस परियोजनाओं के लिए न्यूनतम 20 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है तथा स्टाम्प ड्यूटी में छूट और भूमि उपयोग परिवर्तन में रियायतें जैसी फ्रंट-एंड सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अतिरिक्त, पात्र परियोजनाओं को पूंजीगत सब्सिडी और विद्युत शुल्क में छूट जैसी बैक-एंड प्रोत्साहन सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।

उत्तर प्रदेश लॉजिस्टिक्स अवसंरचना के क्षेत्र में तीव्र प्रगति कर रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स हब, जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एमआरओ और कार्गो कॉम्प्लेक्स, तथा एक्सप्रेसवे के किनारे लॉजिस्टिक्स केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। राज्य में लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के 14% से घटाकर 10% से कम करने के उद्देश्य से मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क, रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम, एक्सप्रेसवे और उड़ान योजना जैसी परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट में फैले डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के छह नोड्स का तीव्र विकास किया जा रहा है। साथ ही, राज्य ने अपना पहला मेडिकल डिवाइस पार्क लॉन्च किया है और YEIDA क्षेत्र में फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क और सेमीकंडक्टर पार्क जैसे सेक्टर-विशिष्ट औद्योगिक क्लस्टर्स का विकास कर रहा है।

राज्य में प्रमुख औद्योगिक निवेश क्षेत्रों में दादरी–नोएडा–गाज़ियाबाद निवेश क्षेत्र, मेरठ–मुज़फ्फरनगर निवेश क्षेत्र, दीनदयाल उपाध्याय नगर–वाराणसी–मिर्ज़ापुर क्षेत्र, लखनऊ–उन्नाव–कानपुर क्षेत्र और प्रयागराज–वाराणसी क्षेत्र शामिल हैं। झांसी और औरैया में नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन (NIMZ) विकसित किए जा रहे हैं, जबकि दिल्ली–मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC) और अमृतसर–कोलकाता औद्योगिक गलियारा (AKIC) के तहत ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज और आगरा में एकीकृत टाउनशिप परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं।

इस समारोह में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार; सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रथमेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button
btnimage