विकसित उ0प्र0 की संकल्पना को साकार करने के लिए लगभग 300 विशेषज्ञों को क्षेत्र में भेजा गया : सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश / 2047’ के लिए सुझाव आमंत्रण एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित किया, पुस्तक ‘भारतवर्ष की स्वर्णाभा नरेन्द्र मोदी’ का विमोचन किया

देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा वर्ष 1947 से वर्ष 2014 के 19 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2014 से वर्ष 2025 के मध्य 70 प्रतिशत हो गया
भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्टअप की स्थापना करके उसे यूनिकॉर्न में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाए
17 सितम्बर से 02 अक्टूबर, 2025 तक पूरे देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया रहा
विकसित उ0प्र0 की संकल्पना को साकार करने के लिए लगभग 300 विशेषज्ञों को क्षेत्र में भेजा गया
साढ़े 08 वर्षों में उ0प्र0 ने जो दूरी तय की, वह देश और दुनिया के लिए कौतूहल का विषय
वर्ष 2016-2017 में उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था 12 लाख 75 हजार करोड़ रु0 से इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 से 36 लाख करोड़ रु0 बनने की दिशा में अग्रसर, उ0प्र0 देश की द्वितीय अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका
युवा, अन्नदाता किसान, नारी शक्ति, उद्यमी, श्रमिक तथा हर क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति प्रदेश की ताकत
विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश / 2047 के दृष्टिगत सभी 12 सेक्टरों में समर्थ यू0पी0 पोर्टल तथा क्यू0आर0 कोड के माध्यम से सुझाव दें
सभी जनपदों से प्राप्त सबसे अच्छे तीन सुझावों तथा प्रदेश स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पांच सुझावों को सम्मानित किया जाएगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देशवासियों को विकसित भारत का विजन दिया है। वर्ष 2047 में जब भारत अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, उस समय हमें कैसा भारत चाहिए। विकसित भारत के मन्त्र से जोड़ने के लिए उन्होंने देशवासियों को पंचप्रण दिलाये थे। इनमें अपनी विरासत का सम्मान, गुलामी की मानसिकता को सर्वथा समाप्त करना, अपनी सेना और सुरक्षाबलों के जवानों का सम्मान करना, सामाजिक समता का व्यवहार करना तथा नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में है, वह अपने कर्तव्यों को राष्ट्रीय कर्तव्य मानकर ईमानदारी से निर्वहन करे। इन्हीं संकल्पों के साथ वर्तमान में उत्तर प्रदेश की अकादमिक संस्थाओं में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश / 2047’ पर चर्चा-परिचर्चा चल रही है।

मुख्यमंत्री ने पं0 दीनदयाल ऑडिटोरियम, नेहरू नगर जनपद गाजियाबाद में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश / 2047’ के लिए सुझाव आमंत्रण एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर पूर्व सांसद प्रो0 रमेश चन्द्र तोमर द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतवर्ष की स्वर्णाभा नरेन्द्र मोदी’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा 12 सेक्टर्स पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व व कृतित्व के समग्र दर्शन कराने वाली कृति ‘भारतवर्ष की स्वर्णआभा नरेन्द्र मोदी‘ पुस्तक की रचना करने के लिए प्रो0 रमेश चन्द्र तोमर को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के 11 वर्षों की विकास यात्रा के दौरान बदलते हुए भारत को इस कृति के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक प्रधानमंत्री द्वारा कराए गए कार्यां के बारे में हमें अवगत कराती है। जबकि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम आप सभी के सुझाव प्राप्त कर भावी उत्तर प्रदेश और भावी भारत के बारे में चर्चा को आगे बढ़ा रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। इसे प्रत्येक पुस्तकालय, विश्वविद्यालय, अकादमिक संस्थानों में रखा जाए। लिखना एक साधना है। प्रत्येक व्यक्ति लिख नहीं सकता है। शिक्षक प्रो0 रमेश चन्द्र जी ने अपने पेशे के अनुरूप कार्य किया है। एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता है। प्रो0 तोमर ने लम्बे समय तक संसद में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। संसद के माध्यम से उन्होंने गाजियाबाद के विकास के लिए अच्छे कार्य किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘भारतवर्ष की स्वर्णआभा नरेन्द्र मोदी‘ पुस्तक के विमोचन का यह अवसर इसलिए और अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर, 2025 तक पूरे देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया रहा है। इस दौरान 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री का जन्मदिन, 25 सितम्बर को अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मदिवस, और 02 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पावन जयन्ती है। सेवा पखवाड़े के दौरान अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने 17 सितम्बर का कार्यक्रम ‘स्वस्थ नारी, सशक्त समाज‘ थीम के साथ देश की नारी शक्ति को समर्पित किया है। युवाओं ने बढ़-चढ़कर रक्तदान शिविर में प्रतिभाग किया। वर्तमान में पूरे देश में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 व 14 अगस्त को प्रदेश की विधानसभा व विधान परिषद में लगातार 28 घण्टे तक विकसित उत्तर प्रदेश-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश पर चर्चा हुई थी। सदन रात्रि में भी संचालित हुआ था। उस समय भी सदन में 250-300 सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। विकसित उत्तर प्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए हमने लगभग 300 विशेषज्ञों को क्षेत्र में भेजा है, जो चिकित्सक, अधिवक्ता, शिक्षक सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों से संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में आज हम गाजियाबाद में आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखण्ड में गुलामी की मानसिकता में हमने भारतीयता को पिछड़ेपन की निशानी तथा विदेशी को सर्वश्रेष्ठ मान लिया था। यदि दुनिया की आर्थिक प्रगति को देखें, तो आज से लगभग 400 वर्ष पूर्व 17वीं शताब्दी में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वैश्विक जी0डी0पी0 में भारत का हिस्सा लगभग 26 प्रतिशत था। भारत के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन का स्थान था। जैसे-जैसे विदेशी आक्रान्ताओं ने भारत पर अपना जाल फैलाया, वैसे-वैसे हम पर गुलामी की मानसिकता हावी होती गयी। परिणामस्वरूप, 1800 ई0 तक आते-आते भारत दूसरे स्थान की अर्थव्यवस्था बन गया। तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान घटकर 16 प्रतिशत रह गया। वर्ष 1947 में जब भारत आजाद हुआ, उस समय दुनिया में भारत की हिस्सेदारी मात्र 04 प्रतिशत रह गयी। गुलामी की मानसिकता ने हमारी भाषा, संस्कृति, व्यापार, अन्नदाता किसानों व श्रमिकों, युवा व नारी शक्ति सभी में पिछड़ेपन का भाव पैदा कर दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में आजादी की लड़ाई लड़ी गयी। विदेशी हमलों का जोरदार प्रतिकार किया गया। जब पूरे भारत को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वदेशी का मन्त्र दिया, तब आजादी की लड़ाई में नयी जान आयी। स्वदेशी का मन्त्र उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सफल हुआ। परिणामस्वरूप, भारत की आजादी की लड़ाई मजबूती के साथ आगे बढ़ी। क्रान्तिकारियों, आन्दोलनकारियों, किसानों, श्रमिकों, छात्रों व महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में मोर्चा सम्भाला। इसका परिणाम हुआ कि भारत में शासन की मंशा से आने वाली ब्रिटिश हुकूमत के पांव उखड़ते हुए दिखाई दिये और वर्ष 1947 में देश को आजादी मिली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद भारत ने अपनी प्रगति की यात्रा शुरू की, लेकिन वर्ष 1960 से इसमें गिरावट प्रारम्भ हुई, जो वर्ष 2014 तक चलती रही। वर्ष 2014 में जब देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में आया, तब भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था था। विगत 11 वर्षां में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किये गये प्रयासों का परिणाम है कि आज भारत दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बन कर उभरा है। इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक भारत के दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की सम्भावना है। विगत 11 वर्षों में भारत ने अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए युवा, अन्नदाता किसान, महिला, इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, इन्वेस्टमेण्ट, स्वास्थ्य, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लम्बी दूरी तय की है। यह हम सभी के लिए एक नई प्रेरणा है। यही कार्य विकसित भारत की आधारशिला बनने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2014 तक भारत में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में केवल 19 प्रतिशत लोगों तक ही शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचा था। वर्ष 2014 से वर्ष 2025 के मध्य इसका दायरा 19 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है। देश में 04 करोड़ लोगों को आवास, 10 करोड़ गरीबों के घर में शौचालय, 10 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड सहित अन्य सुविधाओं का लाभ दिया गया है। आज युवाओं के लिए स्टार्टअप इण्डिया तथा स्टैण्डअप इण्डिया जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिस भारत के बारे में लोग कहते थे कि इसका विकास नहीं हो सकता, उसी भारत में आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम मौजूद है। यह भारत की ताकत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्टअप की स्थापना करके उसे यूनिकॉर्न में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाया है। प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद‘ योजना इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं, बस जज्बा, चलने की सामर्थ्य और स्वयं में विश्वास होना चाहिए। विगत साढ़े 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने जो दूरी तय की है, वह देश और दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है। आज हमारे खाद्य भण्डार भरे हैं। पूरी पारदर्शिता से क्रय केन्द्रों के माध्यम से खाद्यान्न की खरीद की जा रही है। डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधा किसानों के खाते में भुगतान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश को देश के विकास का बैरियर माना जाता था। यह बीमारू राज्य में गिना जाता था। पहले गाजियाबाद जनपद की छवि अच्छी नहीं थी। यह गंदगी और गैंगस्टर के लिए जाना जाता था। यही छवि गौतमबुद्धनगर जनपद की थी। यह कहा जाता था कि जो मुख्यमंत्री गौतमबुद्धनगर जाएगा, वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं वहां गया। इसी तरह अन्य कई जनपदों के बारे में विभिन्न मिथक थे। जब कार्य करने की जिद हो, तो कोई भी मिथक आपके मार्ग में बाधा नहीं बन सकता है। यह जिद विकास की होनी चाहिए, व्यक्तिगत स्वार्थ की नहीं। कार्य वहीं होना चाहिए, जो राष्ट्र व समाज के लिए उपयुक्त और हितकारी हो। यही कार्य विगत 08 वर्षों में हम उत्तर प्रदेश में करने में सफल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-2017 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये की थी। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हम उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 35 से 36 लाख करोड़ रुपये करने की दिशा में अग्रसर हुए हैं। इन 09 वर्षों में 03 वर्ष कोरोना महामारी के भी थे। इस दौरान प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय तीन गुनी हुई है। नौजवानों के लिए नौकरी और रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया है। अन्नदाता किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास हुआ है। उत्तर प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर विश्वस्तरीय बना है। उत्तर प्रदेश में देश के एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा नेटवर्क है। देश में सर्वाधिक शहरों में मेट्रो चलाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क उत्तर प्रदेश में है। गाजियाबाद और मेरठ 12 लेन के एक्सप्रेस-वे तथा रैपिड रेल से जुड़ चुके हैं। इन कार्यों से यहां की छवि भी अच्छी बनी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गाजियाबाद की पहचान औद्योगिक नगरी तथा शिक्षा के एक बेहतरीन केन्द्र के रूप में हो रही है। अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। आज उत्तर प्रदेश के नाम से यहां के लोगों को सम्मान से देखा जाता है। हमने उत्तर प्रदेश के अनलिमिटेड पोटेंशियल को आगे बढ़ाकर भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में सफलता प्राप्त की है। आज उत्तर प्रदेश देश की द्वितीय अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। हमें उत्तर प्रदेश को अगले कुछ वर्षों में नम्बर एक की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है। इस दिशा में हमारी सभी प्रयास आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के युवा, अन्नदाता किसान, नारी शक्ति, उद्यमी, श्रमिक तथा हर क्षेत्र में कार्य करने वाला व्यक्ति हमारी ताकत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति गाथा को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ थीम दी है। भारत तब विकसित होगा, जब वह आत्मनिर्भर होगा। भारत विकसित और आत्मनिर्भर तब होगा, जब उत्तर प्रदेश विकसित और आत्मनिर्भर होगा। उत्तर प्रदेश विकसित और आत्मनिर्भर तब होगा, जब गाजियाबाद विकसित और आत्मनिर्भर होगा। इस यात्रा में हर जनपद, हर गांव और हर नगर निकाय सहभागी बनेगा। इसके लिए हमें अभी से आगामी 05 वर्ष, 10 वर्ष एवं 22 वर्ष में अचीव करने वाले लक्ष्यों के सम्बन्ध में योजनाएं बनानी पड़ेगी। इसके लिए 12 सेक्टर तय किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में हमें तकनीक का उपयोग करना होगा। डिजिटल इण्डिया ने भारत के युवाओं को एक नया प्लेटफॉर्म प्रदान किया है। यह हमारी विकास की यात्रा का एक हिस्सा है। इसने रोजगार के अनेक अवसर प्रदान किए हैं। युवाओं को यह तय करना है कि विकास की इस यात्रा को किस प्रकार आगे बढ़ाएं कि उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामने अनेक अवसर है। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को शिक्षा के क्षेत्र में अपनाकर विश्वस्तरीय संस्थाओ को देश में स्थापित किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में छात्र और शिक्षक मिलकर तय कर सकते हैं। इससे सम्बन्धित सुझाव में आगामी 05 वर्ष, 10 वर्ष और देश की आजादी के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों की कार्ययोजना शामिल हो। इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कार्य किए जाने चाहिए।

स्वास्थ्य एक वृहद क्षेत्र है। वर्तमान में मॉडर्न मेडिकल की फैसिलिटी के साथ आयुष के रूप में ट्रेडीशनल मेडिसिन की सुविधा भी है। अभी तक व्यक्ति प्रत्यक्ष रूप से डॉक्टर के समक्ष उपस्थित होता है। अब टेली कंसल्टेशन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आने वाले समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का और अधिक उपयोग किया जाएगा। मॉडर्न मेडिसिन के क्षेत्र में 05 वर्ष, 10 वर्ष और आगामी 22 वर्षों की कार्ययोजना के बारे में सुझाव दिए जाने चाहिए। आयुष का क्षेत्र भी बहुत बड़ा है। इसके बारे में भी सुझाव आने चाहिए। इसी प्रकार अधिवक्तागण भी अपने क्षेत्र के बारे में सुझाव दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी किसी को भी बेरोजगार नहीं करती है। जब कम्प्यूटर आया था, तब भी आशंका थी कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। लेकिन कम्प्यूटर ने लोगों को आगे बढ़ने के नए अवसर प्रदान किए। प्रत्येक टेक्नोलॉजी नए क्षेत्र प्रदान करती है। हम टेक्नोलॉजी को किस रूप में लेते हैं, यह हम पर निर्भर करता है। कृषि एवं जल संसाधन क्षेत्र में भी बहुत कुछ सम्भव है। विश्व की सबसे उर्वरा भूमि उत्तर प्रदेश में है। अभी प्रदेश के किसान कृषि क्षेत्र में तकनीक का उपयोग कम कर रहे हैं। यदि किसान तकनीक का उपयोग करें, तो कृषि की लागत को कम करके, उत्पादकता को तीन गुना बढ़ाने की सामर्थ्य प्रदेश की धरती रखती है। जल प्रबन्धन को बेहतर करने की दृष्टि से और नदियों के संरक्षण के विषय में भी योजनाएं बनानी होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरीकरण, औद्योगिक विकास, परम्परागत उद्यम, सेवा क्षेत्र एवं पर्यटन क्षेत्र में बहुत सी सम्भावनाएं हैं। स्पिरिचुअल टूरिज्म, ईको टूरिज्म व हेरीटेज टूरिज्म के रूप में भारत में विभिन्न प्रकार की पर्यटन सम्भावनाएं हैं। विभिन्न टूरिज्म क्षेत्रों के अलग-अलग स्पॉट स्थापित किए जा सकते हैं। इस दिशा में बेहतर सुझाव आने चाहिए। सरकार और निजी क्षेत्र मिल कर पी0पी0पी0 मोड पर भी इस कार्य को आगे बढ़ा सकते हैं। सभी 12 सेक्टर के विषय में लोगों के मन में जो भी सुझाव आएं, वह समर्थ यू0पी0 पोर्टल तथा क्यू0आर0 कोड के माध्यम से हमें दे सकते हैं। विकसित उत्तर प्रदेश हेतु सभी 12 सेक्टरों के लिए प्रदेश के सभी जनपदों से प्राप्त सबसे अच्छे तीन सुझावों को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पांच सुझावों को लखनऊ में एक बड़े समारोह में सम्मानित  किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति पोर्टल अथवा क्यू0आर0 कोड के माध्यम से अपने सुझाव नहीं दे सकता है, वह उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र के माध्यम से भी अपने सुझाव भेज सकता है। प्रदेश सरकार को आप सभी के सुझावों का इंतजार है। उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने तथा इसे विकसित उत्तर प्रदेश के रूप में स्थापित करने की इस यात्रा में हम सभी को सहभागी बनना पड़ेगा। यह हमारी वर्तमान पीढ़ी के लिए एक अवसर है तथा भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की आधारशिला है।

इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप, सांसद अतुल गर्ग, राजकुमार सांगवान सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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