आलमनगर वार्ड: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क, अधिकारी, पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत
लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। जहां एक ओर योगी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बड़े बड़े दावे करती है वहीं दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी, ठेकेदार जमकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
नगर आयुक्त की विशेष कृपा दृष्टि है अधिकारियों पर
मामला राजधानी लखनऊ के नगर निगम जोन 6 के आलमनगर वार्ड के पारा क्षेत्र का है जहां एक सड़क निर्माण को अधिकारियों, पार्षद और ठेकेदार ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है। पारा क्षेत्र में राज इलेक्ट्रॉनिक/लकी मेडिकल स्टोर के बगल में लगभग 300 मीटर की सड़क का निर्माण नगर निगम द्वारा करवाया गया। जिसमें अधिकारियों और ठेकेदार ने जमकर गोलमाल किया है।
विकास कार्य के नाम पर अधिकारी, पार्षद और ठेकेदार जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इसके बाद भी नगर आयुक्त हाथ हाथ धरे बैठे हैं। क्योंकि उनको तो केवल अपने काम से मतलब है।
नगर निगम हर वर्ष जनता से टैक्स वसूलती है लेकिन जनता को सुविधा के नाम पर विभाग की आंखें बाहर निकल आती हैं।
बिना रोलर चलाए बना दी सड़क
नगर निगम जोन 6 के अंतर्गत आलमनगर वार्ड के पारा क्षेत्र में राज इलेक्ट्रॉनिक/लकी मेडिकल स्टोर के बगल में लगभग 300 मीटर की सड़क बिना रोलर चलवाए अधिकारियों और ठेकेदार ने बनवा दी। अब हाल ऐसा है कि घटिया सड़क पर राहगीर द्वारा गाड़ी खड़ी करना नुकसान को न्यौता देने जैसा है।
मानक विहीन और ऊबड़ खबर सड़क
हाल ही में बनाई गई सड़क इतनी ऊबड़ खाबड़ है कि सड़क का लेवल बिल्कुल खराब है। कहीं पर सड़क धस जा रही है तो कहीं पर मानक को ताख पर रखकर निर्माण सामग्री ही नहीं डाली गई।
निर्माण सामग्री की होनी चाहिए जांच
नवनिर्मित सड़क में प्रयोग की गई सामग्री की जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह रहते हैं CUG नंबर से दूर
हैरानी की बात है कि नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह कभी भी खुद फोन नहीं उठाते। क्योंकि पत्रकारों के सवालों के जवाब देने में डरते हैं। किसी भी प्रकरण में नगर आयुक्त से बात करना हो, तो उनका PA Sachin हमेशा मीटिंग में होने का लालीपोप थमा देता है।
नगर आयुक्त के CUG नंबर पर पत्रकारों का बात हो पाना मुश्किल है, तो आम जनता की बात और समस्या कितना सुनते होंगे, इस बात का अंदाजा जनता खुद लगा सकती है?