यूपी में 14 IAS अधिकारियों का तबादला और कार्यभार में फेरबदल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हाल ही में किए गए तबादले और कार्यभार में बदलाव की यह लिस्ट यह दिखाती है कि राज्य सरकार प्रशासनिक सख्ती और दक्षता पर विशेष जोर दे रही है। नीचे मुख्य बिंदुओं में इसका सार दिया गया है:


🔁 मुख्य बदलाव – IAS अधिकारियों का तबादला और कार्यभार में फेरबदल

🧑‍⚖️ मुख्य सचिव स्तर पर बदलाव:

  • एस. पी. गोयल (मुख्य सचिव):
    ➤ उनके कुछ महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए गए हैं।

  • दीपक कुमार (अपर मुख्य सचिव):
    ➤ कार्यभार में वृद्धि, अब वे:

    • अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त

    • अध्यक्ष – पिकअप

    • CEO – यूपीडा और उपशा

    • अपर मुख्य सचिव – समन्वय विभाग

    • परियोजना निदेशक – यूपीडास्क

    • नागरिक उड्डयन विभाग
      बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग से मुक्त किए गए।

👤 प्रमुख सचिव स्तर पर बड़े बदलाव:

अधिकारीपहले का विभागनया विभाग
अमृत अभिजातनगर विकास, नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलनपर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य
मुकेश मेश्रामपर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्यपशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य विभाग
अमित कुमार घोषसचिवालय प्रशासन, पशुपालनचिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
पार्थसारथी सेन शर्माचिकित्सा स्वास्थ्यबेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग
अजय सिंह चौहानलोक निर्माण विभाग+ CEO – उपशा (अतिरिक्त प्रभार)
पी. गुरु प्रसादराजस्व विभागनगर विकास, नगरीय रोजगार, गरीबी उन्मूलन
मनीष चौहानखेल व युवा कल्याणसचिवालय प्रशासन, पुनर्गठन, भाषा व सामान्य प्रशासन
रणवीर प्रसादखाद्य, रसद व उपभोक्ता मामले+ राजस्व विभाग (अतिरिक्त प्रभार)

🧑‍💼 सचिव स्तर पर बदलाव:

  • अनामिका सिंह
    ➤ वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग से हटकर आयुक्त – खाद एवं रसद बनीं।

  • भूपेंद्र एस. चौधरी
    ➤ खाद एवं रसद से हटाकर बरेली मंडल आयुक्त बनाए गए।


🔍 महत्वपूर्ण संकेत और विश्लेषण:

  • मुख्य सचिव एसपी गोयल की शक्तियों में कटौती, जबकि दीपक कुमार की भूमिका और मजबूत की गई।

  • अमृत अभिजात, जो कभी ताकतवर माने जाते थे, अब अपेक्षाकृत “सॉफ्ट” विभाग में भेजे गए।

  • संजय प्रसाद से अपेक्षित कटौती नहीं हुई – संकेत: मुख्यमंत्री का विश्वास बरकरार।

  • तबादले प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही और दक्षता के संकेत देते हैं – खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय विकास जैसे विभागों में।


यह फेरबदल राज्य सरकार की स्पष्ट प्राथमिकताओं को दर्शाता है – खासकर औद्योगिक विकास, शिक्षा और नगरीय योजनाओं में गति लाने की दिशा में। साथ ही, यह संदेश भी साफ है कि मुख्यमंत्री परिणाम देने वाले अधिकारियों को ही मजबूत विभाग देंगे, और निष्क्रिय या कमज़ोर प्रदर्शन करने वालों को हटाया जाएगा।

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