पूर्व UPCM की साईकिल पर अब हाथी होगी सवार…….
रिपोर्ट – अभिषेक मणि त्रिपाठी।
उत्तर प्रदेश।
त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड को मिला कर भारतीय जनता पार्टी ने देश के 29 राज्यो में से 20 पर जीत का परचम लहरा दिया है। साल 2013 में जहाँ त्रिपुरा में बीजेपी को खाली हाथ पवेलियन लौटना पड़ा था वही 2018 में जीत का परचम लहरा दिया।
ऐसे में विपक्ष का सूपड़ा साफ होता नज़र आ रहा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व UPCM वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में तत्कालीन UPCM होने के बाद भी बीजेपी के बढ़ते कदम को देख कोंग्रेस से हाथ मिलाया,लेकिन फिर भी हार का मुँह देखना पड़ा। ऐसे में साईकिल को हाथ के पंजे के साथ हाथी का साथ भी जरुरी नजर आ रहा।
शनिवार को त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के आए चुनाव परिणाम के बाद मार्च 2018 में होने वाले फूलपुर और गोरखपुर उप-चुनाव को लेकर सभी पार्टीयो ने कमर कस ली है। गैरतलब है कि दोनों ही सीटें बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि गोरखपुर से मौजूदा UPCM और फूलपुर से मौजूदा UP_Dy_CM केशव प्रसाद मौर्या हैं।
पूर्व UPCM और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात का इशारा पहले ही किया था कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार न बने इसके लिए सपा बसपा या कांग्रेस का समय आने पर हाथ मिलाने में पीछे नहीं हटेगी। ऐसे में अंदर खाने से ये खबर आयी है कि 2018 में होने वाले गोरखपुर और फूलपुर चुनाव में बसपा सपा साथ-साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लम्बे समय से एक-दूसरे की विरोधी रही दोनों पार्टियां अब गोरखपुर और फूलपुर उप-चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक साथ खड़ी दिखाई पड़ सकती। हालांकि अभी तक दोनों पार्टी ने इसकी अधिकृत तौर पर घोषणा नहीं की है। उम्मीद जताई जा रही की इस बात की पुष्टि जल्द हो जायेगी।
अब देखना दिलचस्प होगा कि अगर दोनों पार्टियां साथ आ जाती है तो क्या फूलपुर और गोरखपुर में बीजेपी का कमल खिलेगा या साइकिल पर सवार हाथी चुनाव में अपना अस्तित्व सिद्ध कर पायेगा? ये तो आने वाले उप-चुनाव के नतीजे बताएंगे।