यूपी के 11 पर्यटन साइट बनेंगी ‘ईको टूरिज्म आइकान’, वैश्विक पर्यटकों को करेगा आकर्षित : जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) प्रदेशभर में विकसित 11 विश्वस्तरीय ईको-टूरिज्म स्थलों को और आकर्षक व पर्यटक-अनुकूल बनाने की तैयारी कर रहा है। पर्यटकों को इन परिसंपत्तियों में प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक ईको-फ्रेंडली अवसंरचना का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। बोर्ड इन स्थलों को देश के ‘ईको-टूरिज्म आइकान’ के रूप में तैयार कर रहा है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ इको-टूरिज्म स्थलों के हब के रूप में विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इन स्थलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देते हुए पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) की नई पहल के तहत अयोध्या, चित्रकूट, बलिया, बाराबंकी, ललितपुर, बांदा, जालौन, कुशीनगर, सीतापुर, महाराजगंज और मिल्कीपुर (अयोध्या जिला) तक ईको-टूरिज्म परिसंपत्तियों का विस्तार किया गया है।
जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड राज्य के 11 प्रमुख स्थलों पर पर्यावरण अनुकूल पर्यटन सुविधाएं विकसित करने और रखरखाव पर विशेष ध्यान दे रही है। इन स्थलों में अयोध्या फ्लोटिंग रेस्तरां और उधेला झील, बलिया के (मेरितार गांव-सुरहा ताल बर्ड सेंचुरी), बाराबंकी की बगहर झील, सीतापुर की अज्जेपुर झील, कुशीनगर का सोहरौना ताल, चित्रकूट का रामनगर झील एवं मड़फा किला, जालौन का पचनदा (पांच नदियों का संगम), ललितपुर का ककरावल जलप्रपात, बांदा (पर्यटक सुविधा केंद्र, कालिंजर किला) तथा महाराजगंज की देवदह इको टूरिज्म साइट शामिल हैं। विभाग का कहना है कि इन स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आधुनिक और सस्टेनेबल टूरिज्म (टिकाऊ पर्यटन) सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। ऐसे प्रयासों से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश केवल ईको-टूरिज्म स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न प्रकार के पर्यटन का भी केंद्र है। राज्य सरकार प्रकृति के संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर के प्रदर्शन, रोजगार सृजन और स्थानीय समुदायों को अधिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने निवेशकों और ऑपरेटर्स को आमंत्रित किया है कि वे सरकार के साथ मिलकर इन स्थलों को देश के सबसे पसंदीदा ईको टूरिज्म स्थल बनाने में योगदान दें।
निदेशक पर्यटन (इको) प्रखर मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का उद्देश्य इन परिसंपत्तियों को ‘ईको-टूरिज्म आइकन’ के रूप में विकसित कर स्थानीय समुदायों को रोजगार, प्रशिक्षण और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है। इन परियोजनाओं के माध्यम से हम न केवल पर्यटकों को प्रकृति और संस्कृति का अनूठा अनुभव देंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लक्ष्यों को भी मजबूती प्रदान करेंगे।