यूपी सूचना निदेशक शिशिर सिंह ने विज्ञापन एजेंसियों को जारी किया आदेश

विज्ञापन एजेंसियों को सूचना विभाग में सूचीबद्ध किए जाने से पूर्व 30 लाख रुपए की धरोहर धनराशि जमा कराए जाने का स्वागत योग्य आदेश जारी किया गया है

सूचना विभाग : वेब मीडिया  में सूचीबद्ध वेबसाइट को विज्ञापन जारी करने का नहीं है विभाग के पास बजट 

आईना द्वारा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को विज्ञापन एजेंसियों द्वारा विज्ञापन प्रकाशित करने के उपरांत भुगतान न दिए जाने पर एजेंसियों पर शिकंजा कसने की मांग को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा सराहनीय पहल करते हुए विज्ञापन एजेंसियों को सूचना विभाग में सूचीबद्ध किए जाने से पूर्व 30 लाख रुपए की धरोहर धनराशि जमा कराए जाने का स्वागत योग्य आदेश जारी किया गया है।

ऑल इंडिया न्यूजपेपर एसोसिएशन, आईना के समस्त सदस्यों द्वारा सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा किए गए इस फैसले का स्वागत करते हुए लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को निरंतर पारदर्शिता के सिद्धांत पर विज्ञापन दिए जाने की मांग की गई है। सूचना निदेशालय द्वारा मात्र कुछ समाचार पत्रों को नियमित विज्ञापन दिया जाता है वही ऐसे अनेक लघु एवं मध्यम समाचार पत्र हैं जिनको एक साल में एक भी विज्ञापन निर्गत नहीं किया गया है….सूचना निदेशक से अनुरोध है कि रोस्टर प्रणाली लागू करते हुए समस्त सूचीबद्ध समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के वेब मीडिया में सैकड़ों वेबसाइट सूचीबद्ध हैं लेकिन उन्हें कई वर्षों से विज्ञापन नहीं दिया जा रहा है…लेकिन विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि सूचना निदेशक ने केवल DAVP वेबसाइट को ही विज्ञापन देने का आदेश दिया है…अगर ऐसा ही था तो वेबसाइट को सूचीबद्ध क्यों किया गया….केवल मौखिक आदेश से काम चलाया जा रहा है और प्रकाशकों को अँधेरे में रखा जा रहा है….जबकि विभाग नियम कानून को किनारे रखते हुए पानी की तरह विज्ञापन बहा रहा है….वहीँ बात करें उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में, तो सूचीबद्ध वेबसाइट को विज्ञापन जारी किये जा रहे हैं..केवल यूपी ही ऐसा राज्य है जहाँ मनमाने तरीके से अधिकारी काम कर रहे हैं। 

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