मनरेगा में महिला मेट के नियोजन को लेकर ग्राम्य विकास विभाग सक्रिय

महिला मेट के नियोजन से मनरेगा कार्यों की गति बढ़ी
चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 12 हजार से ज्यादा महिला मेटों को किया गया नियोजित
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा गांवों के बहुमुखी विकास हेतु अनेक महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी व रोजगारपरक योजनाओं का संचालन पूरी गतिशीलता के साथ किया जा रहा है। गांवों में मनरेगा कार्यों को सुचारू व सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से महिला मेटों का चयन किया गया है, इनके नियोजन हेतु बहुत ही सार्थक व सकारात्मक कदम उठाए गए हैं और महिला मेट के नियोजन से मनरेगा कार्यों गति बढ़ी हैं।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 12 हजार से ज्यादा महिला मेट नियोजित की जा चुकी हैं। महिला मेट के चयन के सम्बन्ध में दिए गये निर्देशों के क्रम में 2023-24 में प्रदेश में 57,705 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष के 35 हजार से ज्यादा महिला मेट को नियोजित किया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 12,255 महिला मेटों को नियोजित किया जा चुका है।
आपको बताते चलें कि महिला मेटों के नियोजन से पूर्व विभाग द्वारा उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।मनरेगा योजना के अंतर्गत 20 या 20 से अधिक श्रमिकों वाले मनरेगा कार्यस्थल पर पर्यवेक्षण हेतु महिला मेट का नियोजन किया जाता है। चयनित महिला मेट का 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है। महिला मेट को प्रशिक्षण विकास खण्ड स्तर पर दिया जाता है। मेट के पारिश्रमिक का भुगतान लोक निर्माण विभाग के ैव्त् ;ैबीमकनसम व ित्ंजमेद्ध के अनुसार निर्धारित दरों से किया जाने का प्राविधान है। भुगतान योजना के तकनीकी प्राक्कलन में दिए गए मानक के अनुसार किया जाता है। परियोजना के प्राक्कलन में महिला मेट को अर्ध-कुशल श्रमिक के रूप में सम्मिलित किया गया है। उप मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि मनरेगा श्रमिकों व मेटों के पारिश्रमिक का भुगतान नियमानुसार समय से किया जाय।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी0 एस0 प्रियदर्शी ने सभी जिला अधिकारियों को मनरेगा कार्यों में महिला मेटों के नियोजन व प्रशिक्षण को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जारी निर्देशों में उन्होंने कहा है कि मनरेगा कार्यों में महिला मेटों के नियोजन में किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाय।