एलडीएः लैंड बैंक मजबूत करने की दिशा में उपाध्यक्ष ने उठाया कदम

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने किया अर्जन अनुभाग का औचक निरीक्षण, प्रभारी अधिकारी के कार्यालय में ही बैठक करके तैयार की लैंड बैंक बढ़ाने की रूपरेखा
अर्जन से सम्बंधित फाइलों के निस्तारण के लिए 05 लिपिक किये जाएंगे तैनात, अमीनों को सिर्फ फील्ड का काम करना होगा
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने सोमवार देर शाम अर्जन अनुभाग का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण का लैंड बैंक बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए अफसरों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की। इसके तहत अब अर्जन अनुभाग मेें तैनात अमीनों को रोजाना कम से कम 20 गाटों का सर्वे करना होगा और शाम तक पूरी कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।
निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने अर्जन अनुभाग के पूरे स्टाॅफ को संयुक्त सचिव/प्रभारी अधिकारी-अर्जन सुशील प्रताप सिंह के कार्यालय में ही बुलाकर बैठक की। इसमें अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जमीन का सर्वे व अर्जन की फाइलों के निस्तारण का कार्य अमीनों द्वारा ही किया जाता है। इस पर उपाध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी किये कि अब से अमीनों द्वारा सिर्फ फील्ड का ही कार्य सम्पादित किया जाएगा। वहीं, अर्जन से सम्बंधित फाइलों के निस्तारण की कार्यवाही बाबुओं द्वारा की जाएगी। इसके लिए उन्होंने अर्जन अनुभाग में 05 लिपिकों की तैनाती के आदेश दिये हैं। उपाध्यक्ष ने आदेश दिया कि अब से अमीन रोजाना कम से कम 20 गाटों का सर्वे करेंगे। सर्वे का कार्य तेज गति से हो, इसके लिए प्रत्येक अमीन के साथ दो-दो सुपरवाइजर भी तैनात किये जाएंगे। सर्वे के क्रम में अमीनों को जमीन की वर्तमान स्थिति के साथ ही लैंड यूज के बारे में भी उल्लेखित करना होगा। इसमें अगर प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर किसी तरह का अवैध कब्जा/अतिक्रमण पाया जाता है तो अभियंत्रण एवं प्रवर्तन की टीम के साथ मिलकर उक्त भूमि को तुरंत कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही की जाएगी।
उपाध्यक्ष ने कहा कि अर्जन अनुभाग को सुदृढ़ करने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने हैं, उसके लिए तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जमीन से सम्बंधित जितने भी पुराने वाद हैं, उनकी फाइलें निकालकर पुनः परीक्षण करा लिया जाए तथा विद्वान अधिवक्ताओं के माध्यम से पैरवी कराकर वादों का निस्तारण कराया जाए। इसके लिए अगर जरूरत पड़े तो राजस्व मामलों के विशेषज्ञों की भी सलाह ली जाए। बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, मुख्य अभियंता अजय कुमार सिंह व मुख्य नगर नियोजक के0के0 गौतम समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।