एलडीए : लंदन-आई की तर्ज पर लखनऊ-आई का निर्माण
300 से 2000 वर्गमीटर के भूखण्डों पर कर सकेंगे बहु-आवासीय इकाई का निर्माणलखनऊ विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव, 12 मीटर या उससे चौड़ी सड़क पर स्थित भूखण्डों पर ही लागू होगी यह व्यवस्थासहारा इंडिया परिवार से ग्रीन बेल्ट की 100 एकड़ जमीन वापस लेकर विकसित किया जाएगा सिटी फाॅरेस्ट
महायोजना में प्रस्तावित आवासीय क्षेत्र में अब 300 वर्गमीटर से लेकर 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के भूखण्डों पर अब बहु-आवासीय इकाई का निर्माण किया जा सकेगा। इस सम्बंध में प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव को प्राधिकरण बोर्ड से अनुमति मिल गयी है। यह व्यवस्था 12 मीटर या उससे अधिक चैड़े मार्ग पर ही लागू होगी।
एलडीए उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक 300 वर्गमीटर से 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के भूखण्ड पर बहु आवासीय भवन मानचित्र नहीं स्वीकृत किया जाता था। नयी व्यवस्था के तहत 12 मीटर या उससे अधिक चैड़ी सड़क पर स्थित उक्त क्षेत्रफल के भूखण्डों पर स्टिल्ट पार्किंग के साथ तीन मंजिला आवासीय भवन बनाये जा सकेंगे। इसके लिए वाह्य शुल्क, शेल्टर फीस व अन्य देय शुल्कों के साथ ही प्रत्येक इकाई दर लगभग 1 लाख 17 हजार रूपये देना होगा। इसके अतिरिक्त अब अविकसित क्षेत्र में देय एफ0ए0आर0 की तर्ज पर प्राधिकरण की विकसित योजनाओं में भी 2.5 एफ0ए0आर0 दिया जाएगा। इससे प्राधिकरण की विकसित योजनाओं में रिक्त पड़े भूखण्डों का निस्तारण किया जा सकेगा।
किसानों को बड़ी राहतः चबूतरों की बकाया धनराशि पर चक्रवृद्धि ब्याज खत्म
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा किसानों से अधिग्रहित भूमि के एवज में उन्हें चबूतरे आवंटित किये गये हैं। इनमें से कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक चबूतरे की पूर्ण धनराशि जमा नहीं करायी है। ऐसे प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में बकाया धनराशि पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर भुगतान लिया जाता है। प्राधिकरण बोर्ड द्वारा किसानों को बड़ी राहत देते हुए चक्रवृद्धि ब्याज को खत्म कर दिया गया है। अब बकाया धनराशि पर साधारण ब्याज से गणना करके भुगतान लिया जाएगा, जिससे किसानों को बड़ी आर्थिक छूट मिलेगी। इसी तरह नीलामी से आवंटित किये गये 10 वर्गमीटर तक के व्यावसायिक चबूतरों पर भी सामान्य ब्याज की दर से गणना करायी जाएगी। इसके अलावा अभी तक प्राधिकरण द्वारा किसानों को लीज पर चबूतरों का आवंटन किया जाता था। अब बोर्ड द्वारा अनुमोदित किये गये प्रस्ताव के अंतर्गत चबूतरों का फ्री-होल्ड किया जाएगा।
कानपुर रोड विद्युत उपकेन्द्र के लिए दी जमीन
सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर रोड योजना में बिजली की समस्या के दृष्टिगत 33/11 के0वी0 का नया विद्युत उपकेन्द्र बनाने के लिए विद्युत विभाग को सेक्टर-बी में फीनिक्स माॅल के पास 2434.92 वर्गमीटर जमीन लीज पर दी जाएगी। बोर्ड द्वारा इसके प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गयी है। इसके अलावा बोर्ड के सदस्यों द्वारा एलडीए की आवासीय एवं व्यावसायिक सम्पत्तियों के निस्तारण के लिए समूहक (एग्रीगेटर) नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है।
एलडीए में लागू होगी ई-आफिस प्रणाली
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि एलडीए में 15 जुलाई से ई-आॅफिस प्रणाली लागू कर दी जाएगी। आनलाइन व्यवस्था लागू होने से समस्त विभागीय कार्य पेपर लेस हो जाएगा। इससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी और विभिन्न पटलों पर लंबित रहने वाली फाइलों का निस्तारण भी समयबद्ध तरीके से होगा। इसके लिए प्राधिकरण के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के डिजिटल साइन समेत अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करा ली गयी हैं।
100 एकड़ में विकसित किया जाएगा सिटी फाॅरेस्ट
मेसर्स सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड को ग्राम-जियामऊ, ग्राम-उजरियांव एवं रेलवे लाइन के मध्य लाइसेंस के आधार पर दी गयी ग्रीन बेल्ट की लगभग 100 एकड़ भूमि को एलडीए वापस लेगा। उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सहारा इंडिया को उक्त भूमि ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए दी गयी थी, जिसके सापेक्ष ग्रुप द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया और वर्तमान में उक्त भूमि पर अवैध अतिक्रमण के साथ जगह-जगह कूड़ा डम्प हो रहा है। अब एलडीए इस 100 एकड़ जमीन को वापस अपने कब्जे में लेकर यहां सिटी फाॅरेस्ट (सघन वन) विकसित करेगा। शहर के पाॅश इलाके के इतने विशाल भू-भाग में घना वन विकसित होने से शहरवासियों को भीषण गर्मी में भी राहत की सांस मिलगी। इसके अलावा टी0ओ0डी0 जोन में स्थित प्राधिकरण की नियोजित/विकसित योजनाओं तथा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा विकसित योजनाओं में टी0ओ0डी0 नीति के प्राविधान लागू किये जाने के लिए प्रभाव क्षेत्र चिन्हित किये जाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।
लंदन-आई की तर्ज पर लखनऊ-आई का निर्माण
लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा गोमती रिवर फ्रंट पर लंदन-आई की तर्ज पर लखनऊ-आई का निर्माण कराया जाएगा। पी0पी0पी0 मोड पर बनाये जाने वाले इस प्रोजेक्ट को प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ-आई की ऊंचाई 150 मीटर होगी, जोकि लंदन-आई से भी अधिक है। इसके निर्माण में लगभग 700 करोड़ रूपये की लागत आएगी, जिसे पी0पी0पी0 मोड पर बनाया जाएगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि लखनऊ-आई प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का लोकप्रिय टूरिस्ट स्पाॅट बनेगा। इस प्रोजेक्ट का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है, जिसके लिए जल्द ही आर0एफ0पी0 जारी किया जाएगा। इसके अलावा ग्रीन काॅरिडोर के निर्माण के लिए गोमती नदी के किनारे कैंट सीमा से एक्वाडक्ट तक जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भी बोर्ड से पास हो गया है