महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को शामिल न करना अन्याय: अजय राय

  • भाजपा द्वारा प्रस्तुत महिला आरक्षण बिल महिलाओं के साथ धोखा एवं चुनावी जुमला- अजय राय
  • भाजपा के मूल में है महिला विरोध- अजय राय
  • प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया था महिला आरक्षण बिल का विरोध- अजय राय

लोकसभा में भाजपा सरकार द्वारा पेश किये गये ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘‘ महिला आरक्षण बिल को चुनावी जुमला बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि नौ वर्षो से अधिक का समय बीत जाने के बाद चुनावी वर्ष में यह बिल लाना देश एवं महिलाओं के साथ धोखा है एवं मोदी सरकार का एक और चुनावी जुमला है। बिल के अनुसार अधिनियम लागू होने के लिए दशकीय जनगणना एवं परिसीमन जरूरी है। मोदी सरकार 2021 की जनगणना कराने में असफल रही है। यह जी-20 का अकेला देश है जो जनगणना नहीं करा पाया। ऐसे में आनन-फानन में इस बिल को लाना हैडलाइन मैनेजमेंट जैसा है।

अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रही है। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने 1989 में ही संविधान संशोधन के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित कराया था, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 पी0वी0 नरसिम्हा राव की सरकार ने 1992-93 में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लागू किया था। आज विभिन्न वर्गो की महिलाएं इसके माध्यम से प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एम अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख एवं मेयर बनने में सफल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए की तत्कालीन चेयरपर्सन  सोनिया गांधी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार महिला आरक्षण लागू कराने के लिए तत्पर रही, उन्हीं के प्रयासों से 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित हुआ था। मोदी सरकार में भी कई बार महिला आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए देश के प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत बिल में पिछडे़ वर्ग की महिलाओं के साथ अन्याय करते हुए उनके आरक्षण का प्रस्ताव नहीं किया गया है, यह भाजपा के पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरे को उजागर करता है। उन्होंने इस बिल में पिछ़डा वर्ग की महिलाओं के आरक्षण के प्रावधान की भी मांग की है। भाजपा के महिला विरोधी चेहरे को बेनकाब करते हुए उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में भाजपा ने एक बार भी महिला मुख्यमंत्री नहीं बनाया और न ही महिला अध्यक्ष ही बनाया। 2010 में कांग्रेस द्वारा पेश किये गये महिला आरक्षण बिल के विरूद्ध मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह कांग्रेस का पाप है इसे भाजपा को अपने सिर पर नहीं लेना चाहिए। महिलाओं को राजनीति में लाने से उनकी घरेलू जिम्मेदारियों जैसे बच्चों की देखभाल पर क्या असर होगा इसका परीक्षण जरूरी है तथा सफल परीक्षण के बाद ही इसे लागू किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महिलाओं को सदस्य बनाने की परंपरा नहीं है और आज तक एक भी सर संघचालक महिला नहीं रही है। यह भाजपा, आर0एस0एस0 और प्रदेश के मुख्यमंत्री के महिला विरोधी चेहरे को उजागर करती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उ0प्र0 को पहली महिला मुख्यमंत्री दिया साथ ही संगठन में कई बार महिलाओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाकर प्रदेश का नेतृत्व सौंपा। प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष आदि अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं को ला कर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में व्यापक कार्य किया। पंचायती राज कानून के अन्तर्गत राजीव गांधी ने महिलाओं को आरक्षण देकर राजनैतिक रूप से सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया। उ0प्र0 कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की 40 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित किया था जो महिलाओं के राजनैतिक सशक्तिकरण का अद्वितीय उदाहरण है।

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